अब जानवर भी आने लगे कोरोना की चपेट में, भारत में पहली बार 8 शेर संक्रमित पाए गए

देश में शायद पहली बार प्रकाश में आए मामले के तहत हैदराबाद के नेहरू जूलोजिकल पार्क (NZP) में 8 एशियाई शेर कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि 29 अप्रैल को सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) ने नेहरू जूलोजिकल पार्क (Nehru Zoological Park) के अधिकारियों को बताया कि RT-PCR टेस्ट में 8 शेर पॉजिटिव पाए गए हैं। माना जा रहा है कि आसपास रह रहे लोगों के संपर्क में आने से इन शेरों को संक्रमण हुआ है।

CCMB (Centre for Cellular and Molecular Biology) के डायरेक्टर राकेश मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि प्रमुख रिसर्च इंस्टीट्यूट में शेरों की लार के सैंपलों की अच्छी तरह से जांच की गई थी। मिश्रा ने पीटीआई को बताया कि एशियाई शेरों की लार के सैंपल की अच्छी तरह से जांच की गई और उनमें संक्रमण पाया गया। वे पास-पास रहते हैं, इसलिए उनमें संक्रमण फैल गया होगा। यह भारत में पहली बार है जब इंसानों के माध्यम से इस जानलेवा वायरस ने जानवरों में एंट्री की है।

उन्होंने कहा कि अब हम उनके मल के सैंपल की जांच करने पद्धति विकसित कर रहे हैं। यह पद्धति भविष्य में उपयोगी होगी, क्योंकि हर बार जंगली जानवर की लार का सैंपल लेना संभव नहीं होता है। मिश्रा ने कहा कि पार्ट के शेरों में पाया गया वायरस नए वैरिएंट का नहीं है। मिश्रा ने कहा कि उनमें हल्के लक्षण हैं और वे अच्छे से खाना खा रहे हैं और वे ठीक हैं। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पशुओं के संक्रमित होने की संभावना है, क्योंकि वे मनुष्यों की तरह ही स्तनधारी हैं।

वहीं, चिड़ियाघर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे समय-समय पर विश्लेषण के लिए पशुओं के सैंपल को सीसीएमबी भेजते रहते हैं। उन्होंने कहा कि शेरो में बुखार जैसे लक्षण दिखे थे जिसके बाद उनके सैंपल लेकर सीसीएमबी भेजे गए। अधिकारियों ने बताया कि पशुओं के सैंपल दो तरह से लिए जाते हैं, एक स्क्वीज कैज के जरिए से या उन्हें बेहोश करके।

स्क्वीज़ कैज पद्धति में जानवर को एक तंग पिजड़े में बंद किया जाता है जहां कोई जगह नहीं होती है ताकि वे हिल न सके या सैंपल लेने के दौरान विरोध न कर सके। रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना के बाद से नेहरू जूलोजिकल पार्क को आम लोगों के लिए दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है। यह पार्क काफी घनी आबादी के बीच स्थित है।