कोरोना संकटकाल की वजह से मिली थी राहत
रायपुर। छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के कारण जेल प्रशासन ने जेल में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अप्रैल महीने से ही बंदियों जमानत व पेरोल पर को छोड़ने का सिलसिला जारी रखा था। इस दौरान छत्तीसगढ़ की पांच सेंट्रल जेल समेत 33 जेलों से 55 सौ से अधिक बंदियों को छोड़ा गया। अब इन जेल बंदियों की एक दिसम्बर से वापसी शुरु हो जाएगी। पहले 30 सितम्बर तक इन बंदियों की जेलों में वापसी होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के लगातार मामले सामने आने पर हाईकोर्ट के निर्देश पर बंदियों को घरों में सुरक्षित रहने का समय और दे दिया गया।
यानि 30 नवम्बर तक बंदियों को अपने घर-परिवार के साथ रहने का मौका मिलेगा। एक दिसम्बर से बंदियों की जेलों में वापसी होने को लेकर जेल प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरु कर दी हैं। जेल मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 26 मार्च से लगातार सबसे अधिक रायपुर सेंट्रल जेल से 975, दुर्ग जेल से 636, बिलासपुर सेंट्रल जेल से 527, बलौदाबाजार उप जेल से 251, महासमुंद जेल से 382, राजनांदगांव से 207, जांजगीर से 246, रायगढ़ से 237, जगदलपुर से 199, अंबिकापुर से 187 समेत कुल 33 जेलों से 5544 विचाराधीन बंदियों को स्थायी जमानत और पेरोल पर छोड़ा गया है।
कोरोना जांच में निगेटिव होने पर ही जेल में प्रवेश
बंदियों की जेलों में वापसी से पहले उनकी कोरोना की जांच कराना होगी। जांच में निगेटिव रिपोर्ट आने पर ही बंदियों को जेल में प्रवेश दिया जाएगा। जिन बंदियों की रिपोर्ट पाजीटिव आयेगी, उनका इलाज अस्पताल में कराया जाएगा। जेल प्रशासन इसके लिए जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जेल में शिविर लगाएगी। गौरतलब है कि रायपुर सेंट्रल जेल समेत प्रदेशभर के जेलों में काफी एहतियात बरतने के बाद भी सैकड़ों की संख्या में बंदी कोरोना संक्रमित होने से बच नहीं पाए थे। हालांकि, वर्तमान में सभी स्वस्थ्य हो चुके हैं।
‘हाइकोर्ट के आदेश पर पैरोल और अंतरित जमानत जमानत पर भेजे गए बंदियों की अबK 1 दिसम्बर से वापसी होगी। इसके आदेश मिल चुके हैं। बंदियों की जेलों में उपस्थिति दर्ज कराने पर सभी कैदियों के स्वास्थ्य की जांच कराई जाएगी। इसके लिए सभी जेलों प्रभारियों को निर्देशित किया गया है।
– केके गुप्ता, डीआईजी जेल