सिर्फ डिजाइन के लिए नहीं होती ट्रेन पर लगी ये धारियां, डिब्बे में बैठने से पहले जान लें इनका मतलब

अक्सर आप ट्रेन में सफर करते हैं तो आप पहले टिकट बुक करते हैं और उसमें बस अपना सीट नंबर देखते हैं. इसके बाद रेलवे स्टेशन पर जाकर अपने डिब्बे में जाते हैं और अपनी सीट पर बैठ जाते हैं. इसके अलावा अधिकतर लोग अन्य बातों पर ध्यान नहीं देते हैं. कभी आपने देखा है कि जिस ट्रेन के डिब्बे में बैठते हैं, उसके बाहर ट्रेन की जानकारी के साथ ही कुछ लाइनें खींची होती है, जो डिब्बे के अंत में खिड़की के ऊपर बनी होती हैं.

ये लाइनें डिब्बे की डिजाइन के लिए नहीं होती है, जबकि ये लाइनें जानकारी देने के लिए होती है. वैसे ये लाइनें उन लोगों के लिए जो कोच के बारे में नहीं पढ़ पाते हैं, ऐसे में वो लाइनों को देखकर पता कर सकते हैं कि ये कौनसा कोच है… ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं कि इन लाइनों का क्या मतलब है और खास बात ये है कि हर क्लास के डिब्बे के लिए अलग तरह की लाइनें होती है, इसलिए आप दूर से पता कर सकते हैं कि वो कौनसा डिब्बा है…

अगर डिब्बे पर हो पीली लाइनें?

अगर डिब्बे के आखिरी में पीली रंग की लाइनें होती हैं तो समझ जाइए कि यह अनरिजर्व्ड कोच है यानी जनरल कोच है. इसमें टिकट नंबर की आवश्यकता नहीं है. साथ ही सेंकेड क्लास के डिब्बों पर भी पीली रंग की लाइनें बनी होती हैं. अब दूर से ही समझ जाएंगे कि पीले रंग के लाइनों वाला डिब्बा कौन सा है.

अगर डिब्बे पर हो सफेद लाइनें?

वहीं, नीले रंग के डिब्बों पर हल्के नीले या सफेद रंग से खींची लाइनों को मतलब है कि ये स्लीपर क्लास का डिब्बा है.

नीले पर पीली लाइनें?

अगर बैंगनी रंग के डिब्बे में पीली रंग की मोटी धारियां हैं तो ये डिब्बा दिव्यांग और बीमार लोगों के लिए आरक्षित है. यह बैंगनी रंग आम नीले रंग के कोच से काफी अलग होता है.

ग्रीन रंग की लाइनें?

अगर ग्रे कलर के डिब्बों पर हरी रंग की धारियां बनी है तो इसका मतलब है कि यह कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होता है. यह लोकल ट्रेन में होता है, जो मुंबई में चलती हैं.

ग्रे में लाल रंग की धारियां?

वहीं, ग्रे में लाल रंग की लाइनें हो तो समझ जाइए ये फर्स्ट क्लास कोच के बारे में बताते हैं. यह लोकल ट्रेनों के लिए होता है.

डिब्बों पर लिखे नंबर क्या बताते हैं?

ट्रेन के हर कोच पर मुख्य रूप से 5 अंकों की संख्या लिखी होती है. इनके अलग-अलग मतलब होते हैं. इसके पहले दो अंक ये बताते हैं कि कोच किस साल में बना था. जैसे ट्रेन के किसी कोच पर 92322 लिखा है. तो पहले दो अंक के अनुसार, ये कोच साल 1992 में बना है. बाकी के तीन नंबर इस बारे में बताते हैं कि कोच एसी 1 टियर है या 2 टियर या फिर सामान्य द्वितीय श्रेणी का है. जैसे कि 92322 किसी कोच पर लिखा है. तो पहले दो अंकों का मतलब तो आप समझ चुके हैं, बाकी के तीन नंबर ये बताते हैं कि कोच किस श्रेणी के हैं. जैसे की 322 से पता चलता है कि कि ये द्वितीय श्रेणी स्लीपर कोच है.