कवर्धा: ब्लॉक के ग्राम लिमो में कोरोना से एक नर्स की मौत हो गई। उसकी पोस्टिंग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खैरवार खुर्द, लोरमी (मुंगेली) में थी। 9 माह से गर्भवती होते हुए भी वह कोविड में ड्यूटी कर रही थी। गर्भावस्था के दौरान ग्राम कापादाह में किराए के कमरे में अकेली रहती थी। वहीं से हॉस्पिटल आना-जाना करती थी।
मिली जानकारी के मुताबिक दिवंगत नर्स प्रभा पति भेषकुमार बंजारे (28 वर्ष) 9 माह से गर्भवती अवस्था में काेविड में ड्यूटी करती रही। 30 अप्रैल को प्रसव पीड़ा होने पर उसे कवर्धा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सिजेरियन ऑपरेशन से एक बच्ची को जन्म दिया। हॉस्पिटल में रहते हुए उसे कई बार बुखार आया। डिस्चार्ज होने पर जब वह घर पहुंची थी, बुखार के साथ खांसी शुरु हो गई। एंटीजन टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे कवर्धा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऑक्सीजन लेवल कम होने पर उसे रायपुर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान 21 मई की रात उसकी मृत्यु हो गई।
मैंने कहा था कि छुट्टी ले लो तो प्रभा बोली
कमरे में बैठी क्या करूंगी, इससे अच्छा ड्यूटी में रहूं: गर्भवती होते हुए प्रभा अपने कर्तव्य पर डटी रही। पति भेष कुमार बताते हैं कि प्रभा जब 3 महीने के गर्भ से थी, तभी उसे कहा था कि छुट्टी ले लो। गर्भावस्था में हॉस्पिटल में ड्यूटी करना और अस्पताल अप-डाउन करने में दिक्कत होगी। इस पर प्रभा ने जवाब दिया कि छुट्टी लेकर कमरे में बैठी क्या करूंगी। इससे अच्छा ड्यूटी में रहूंगी। और वह गर्भावस्था में भी पूरे 9 महीने तक अस्पताल में ड्यूटी करती रही। जब प्रसव पीड़ा हुई और नॉर्मल डिलीवरी नहीं हो पा रही थी, तब उसे सिजेरियन प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। दिवंगत प्रभा बंजारे का मायका सांकरा, धरसींवा (रायपुर) में है। जून 2020 में यानी एक साल पहले लॉकडाउन के दौरान उसकी शादी ग्राम लिमो (कवर्धा) के रहने वाले भेषकुमार के साथ हुई थी। दोनों का विवाह हुआ था। पति भेषकुमार ने बताया कि बच्ची का अभी नामकरण संस्कार नहीं हुआ है। प्रभा को युक्ति नाम पसंद था।
‘जन्मजात योद्धा’ की कोरोना पर जीत की मुस्कान
पति भेष कुमार बंजारे बताते हैं कि उनकी पत्नी प्रभा और उसकी नवजात बच्ची दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। बच्ची को दूसरे हॉस्पिटल में भर्ती किया था। अभी वह स्वस्थ है और रायपुर में अपनी नानी की देखरेख में है। प्रभा के फेफड़ों में 80 फीसदी तक इंफेक्शन हो गया था, जिसके चलते उसकी जान नहीं बची।