बरसाती नाले से नहीं मिली निजात ,डीएमएफ का पुल स्वीकृत स्थल से गायब!

ग्राम पंचायत जिल्गा का मामला,2018-19 में दस लाख की लागत से जुनवानी नाले में 6 मीटर स्पान पक्के पुल की दी गई थी स्वीकृति ,तत्कालीन सरपंच सचिव 4 लाख की अग्रिम राशि डकार गए ,शिकायत के बाद जांच के आदेश

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा (भुवनेश्वर महतो )। बरसाती नाले को आवागमन योग्य बनाने जिला खनिज संस्थान न्यास से स्वीकृत 6 मीटर स्पान पक्के पुल के गायब होने का हैरतअंगेज मामला सामने आया है। तत्कालीन सरपंच – सचिव 4 लाख की अग्रिम राशि निकाल कर डकार गए । जनपद सीईओ ने शिकायत के बाद मामले में जांच के आदेश दिए हैं ।

मामला कोरबा विकासखण्ड के सुदूर वनांचल ग्राम जिल्गा का है । यहाँ एक जुनवानी बरसाती नाला है जो बरसात में लबालब होकर पहुंचविहीन नाले में परिवर्तित हो जाता है । ग्रामीणों को इस समस्या से निजात दिलाने जिला प्रशासन ने वित्तीय वर्ष 2018 -19 में जिला खनिज संस्थान न्यास से 6 मीटर स्पान पक्के पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी । इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत को निर्माण एजेंसी बनाते हुए दिनांक 5 अक्टूबर 2018 को 4 लाख रुपए की अग्रिम राशि का चेक भुगतान जारी किया गया था। लेकिन तत्कालीन सरपंच रामस्वरूप राठिया एवं सचिव मोती निषाद ने पँचायत खाते से राशि आहरित करने के करीब पौने 3 साल बाद भी पुल निर्माण की नींव आज पर्यन्त तक नहीं रखी । इस दौरान सब इंजीनियर संतोष नायर एवं जनपद पंचायत के प्रशासनिक अमले ने कई मर्तबा पत्र व्यवहार कर कार्य पूर्ण करने की बात कही । बावजूद पौने 3 साल से नतीजा सिफर रहा। जिला खनिज संस्थान न्यास में हुई इस हैरतअंगेज गड़बड़ी की सामाजिक कार्यकर्ता बिहारी लाल सोनी ने जनपद सीईओ कोरबा के समक्ष 25 मई 2021 को शिकायत करते हुए संबंधित सरपंच सचिवों से शासकीय राशि रिकवरी करने के साथ साथ कार्यवाई की मांग की थी । जनपद सीईओ गोपाल मिश्रा ने स्वयं मौका मुआयना कर स्वीकृत स्थल में पुल निर्माण का कार्य अप्रारंभ पाए जाने एवं शिकायत की विषय वस्तु सही पाए जाने के फलस्वरूप प्रकरण में जांच के आदेश दिए हैं। सब इंजीनियर संतोष नायर के नेतृत्व में जांच दल गठित की गई है। जो निर्धारित समयावधि में प्रकरण की जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे ताकि वसूली हेतु आगामी कार्यवाई की जा सके।

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ग्रामीणों को समस्या से नहीं मिली निजात ,शासन की मंशा पर फिरा पानी

जिस उद्देश्य के साथ जिला खनिज संस्थान न्यास से 10 लाख रुपये की लागत से 6 मीटर स्पान के पक्के पुल की स्वीकृत दी गई थी। शासन की उस मंशा पर तत्कालीन सरपंच सचिवों के भ्रष्ट आचरण ने पानी फेर दिया है । ग्रामीण आज भी जुनवानी नाला से बरसात के पूरे 4 माह में जद्दोजहद करते हैं। ग्रामीणों को पौने 3 साल बाद भी समस्या से निजात नहीं मिली।

वर्जन

जांच के आदेश दिए हैं

शिकायत गम्भीर है । हमने जांच के आदेश दिए हैं। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाई की जाएगी।

गोपाल मिश्रा ,सीईओ जनपद पंचायत कोरबा