- कुछ दिन नीलामी और टली खरसिया की 05 रेत खदानें शामिल
- जिले में अवैध खनन को मिल रहा राजनीतिक व प्रशासनिक संरक्षण
रायगढ़, 03 नवंबर। जिले में रेत घाटों के आबंटन में भी कुछ समय और लगेगा दरअसल पांचवी अनुसूची क्षेत्र में आने वाली रेत खदानों की नीलामी सीधी नहीं होती इसके लिए ग्राम सभा की अनुमति अनिवार्य होती है। विभाग ने राजस्व विभाग को इसकी सूचना दे दी है।
रेत खदानों को संचालन ग्राम पंचायतों से छीनकर निजी हाथों में देने के लिए राज्य सरकार ने अधिसूचना प्रकाशन कर बदलाव को मंजूरी दी। इसके बाद दो बार जिले में करीब 15 खदानों की नीलामी हो चुकी है लेकिन 06 खदानें ही चल रहे हैं। NGT ने बड़े पुलों के नजदीक रेत खनन को प्रतिबंधित किया था जिसके बाद नए सिरे से रेत घाटों का निर्धारण किया गया।
रेत को माफिया बेच रहें है ऊँचे दामों पर
जिले में वैध खदानों की संख्या कम होने के कारण अवैध कारोबार चरम पर है। कहीं पर भी रेत निकालकर माफिया ऊंचे दामों में बेच रहे हैं। खनिज विभाग ने करीब 20 रेत खदानों की नीलामी के लिए सूचीबद्ध किया था। नीलामी करने के लिए औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थी लेकिन पांचवी अनुसूची क्षेत्र के तहत नियम आड़े आ गए।
खरसिया की पांच खदानें की भी होनी है नीलामी
खरसिया की 05 खदानों की भी नीलामी होनी है लेकिन इसके लिए ग्राम सभा की अनुमति अनिवार्य है। इसलिए नीलामी प्रोसेस को पुनः टाल दिया गया है। अब राजस्व विभाग को ग्राम सभा करवा कर अनुमति देने को कहा गया है।
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जमकर चल रहा है रेत खनन माफिया लूट रहे है सरकारी संम्पति
रायगढ़ जिले में रेत खदानों की कमान राजनीतिक संरक्षण में वर्षों से रेत माफियाओं के हाथ जा चुका है। प्रशासन कुछ नही कर पा रही है जिसकी वजह से अवैध खनन की घटनाएं बढ़ चुकी है। रेत की कीमतों में उछाल होकर की गुना गुना बढ़ गया है। सरकारी निर्माण कार्यो में भी अवैध रेत की सप्लाई हो रही है खरसिया में निर्माण हो रहे हैं।
प्रशासन की चुप्पी समझ से परे
अवैध रेत खनन मामले में इक्के दुक्के कार्यवाही करके प्रशासन मौन व्रत धारण कर लेती है जबकि रेत माफियाओं पर बड़ी कार्यवाही कर कर जिले में एक ऐसा उदाहरण सेट करना चाहिए कि जनता को लगे के जिला प्रशासन वास्तव में रेत माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की इच्छाशक्ति रखती है। प्रशासन की कमजोरी का भरपूर फायदा उठाते हुए रेत माफिया फल फूल रहे हैं।