प्रदूषण से सरकार को नहीं सरोकार,हिमाद्री कैमिकल्स ,इंडो स्पंज ने किया जीना दुश्वार

कभी खुली आबो हवा में लेते थे सांसे ,अब आबादी के बीच बसे उद्योगों ने दूषित कर दी है फिजा,डेढ़ दशक से संघर्षरत लोगों का स्वास्थ्य हो रखा है खराब

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा (भुवनेश्वर महतो)। – शहर के अंतिम छोर पर बसे रिस्दी व झगरहा के बाशिंदे दूषित फिजा के बीच सांस लेने मजबूर हैं। रिस्दी में संचालित इंडो स्पंज पावर एंड स्टील लिमिटेड एवं झगरहा में संचालित हिमाद्री कैमिकल्स लिमिटेड इन दोनों उद्योगों से निकलने वाली खतरनाक रासायनिक गैस एवं रासायनिक पदार्थ कोरोनाकाल में लोगों की तकलीफें और बढ़ा रहे हैं। आबादी के बीच संचालित इन उद्योगों की वजह से लोग बीमार हो रहे हैं। निगम क्षेत्र में दूषित फिजा के बीच सांसे ले रहे यहाँ के रहवासियों की पिछले डेढ़ दशक में न तो सरकार ने सुध ली न जिला प्रशासन ने ,हताश लोगों ने एक बार फिर इन उद्योगों पर लगाम लगाने गुहार लगाई है।

यहाँ बताना होगा कि जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर झगरहा में 5 एकड़ भू -भाग में लीज पर हिमाद्री कैमिकल्स इंडस्ट्रीज संचालित है।2006 में तत्कालीन कलेक्टर गौरव द्विवेदी के कार्यकाल में शुरू हुए इस उद्योग द्वारा कोल तार पिच तैयार किया जाता है । जिसे बालको को आपूर्ति की जाती है । आबादी के बीच संचालित इस उद्योग का स्थानीय नागरिक शुरू से ही विरोध करते आ रहे हैं।हाईकोर्ट से लेकर कई स्तर पर शिकायतों जाँच के बाद भी आज पर्यन्त समस्या बरकरार है । हिमाद्री कैमिकल्स से उत्सर्जित होने वाली खतरनाक रासायनिक गैसों एवं रासायनिक पदार्थों के अपशिष्ट ने यहां के रहवासियों की जिंदगी नारकीय बना दी है। पर्यावरणीय नाम्स का उल्लंघन कर फैक्ट्री से निकलने वाली जहरीली धुंआ से पिछले डेढ़ दशक से लोग पीड़ित हैं। कोरोनाकाल में यह उद्योग बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहा है । श्वांस ,चर्म रोग, बदनदर्द ,अनिंद्रा की बीमारी से लोग जूझ रहे हैं । पर्यावरण विभाग के संरक्षण की वजह से उद्योग की स्थापना से पहले संघर्षरत लोगों को आज पर्यन्त प्रदूषित फिजा में सांसे लेनी पड़ रही है। यहाँ बताना होगा कि इस उद्योग के खिलाफ ढेरों शिकायतें प्राप्त होती रही हैं । बावजूद इसे नजरअंदाज कर दिया गया। 4 साल पूर्व वर्ष 2017 में हिमाद्री कैमिकल्स की फैक्ट्री में कोल तार पीच बनाने वाली टैंक में आग लग गई थी। कन्वेयर बेल्ट भी इसकी चपेट में आ गया था। जिससे हड़कम्प मच गया था। आगजनी की घटना के बाद समीप बसे लोगों ने उद्योग प्रबंधन के खिलाफ सड़क पर उतरकर जमकर हंगामा किया था। आगजनी की घटना की जांच के लिए छत्तीसगढ़ श्रम सलाहकार मंडल व जिला औद्योगिक दुर्घटना नियंत्रण समिति के सदस्य राधेश्याम जायसवाल ने टीम के साथ प्लांट का निरीक्षण किया था। जहाँ उनके द्वारा यह पाया गया था कि हिमाद्री में सुरक्षा नियमों की अनदेखी की गई थी । गैस रिसाव एवं पर्याप्त अग्निशमन नहीं होने की वजह से यह हादसा हुआ था। उन्होंने प्लांट में कर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा सुविधाएं प्रदान नहीं किए जाने का भी जाँच रिपोर्ट में उल्लेख किया था। इसके अलावा पर्याप्त ग्रीन बेल्ट का निर्माण नहीं करने ,उद्योग से उत्सर्जित अपशिष्ट नकटीखार में प्रवाहित करने सहित कई शिकायतें आती रही हैं । पर सरकार ने सुध नहीं ली। पर्यावरण विभाग के अधिकारी जांच के नाम पर औपचारिकता पूरी कर उद्योग को फिजा को जहरीली बनाने की छूट दे गए।

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मानक से अधिक प्रदूषण फैलाने के बाद भी इंडो स्पंज पर विभाग मेहरबान


रजगामार रोड रिस्दी में संचालित इंडो स्पंज पावर एंड स्टील लिमिटेड लगातार पर्यावरणीय नाम्स का उल्लंघन कर वायु प्रदूषण फैला रहा है। यह उद्योग भी आबादी से लगा हुआ है। जिसका शुरू से विरोध होते आ रहा है। समय समय पर उद्योग को जनाक्रोश एवं शासन के दबाव की वजह से बन्द करा दिया जाता है पर कुछ ही महीनों बाद चुपके से फिर शुरू कर दिया जाता है। वर्तमान में पिछले 3 माह से कोरोनाकाल में उद्योग में काम बंद होने का हवाला दिया जा रहा है। पर उद्योग में कर्मचारी नियमित तौर पर मेंटेनेंस के लिए आ रहे हैं। स्थानीय निवासियों की मानें तो कब उत्पादन शुरू कर दिया जाता है उन्हें पता नहीं चलता। खासकर उद्योग प्रबंधन पर रात के वक्त नियम कायदों को ताक में रखकर संचालन कर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगता रहा है।
जिसकी वजह से लाखों रुपए खर्च कर मकान बनाकर शुद्ध आबो हवा के बीच रहने का सपना संजोए लोगों के हिस्से में इंडो स्पंज का डस्ट आ रहा है। मकान ,दुकान ,कपड़ों से लेकर साग -सब्जियां उद्योग से उत्सर्जित धूल से प्रदूषित हो रही हैं । लोगों को भी घुटन सी महज़ होती है। इन्हीं सब समस्याओं को लेकर वार्ड पार्षद अजय कुमार गोंड ने गत वर्ष 27 अक्टूबर 2020 को पर्यावरण अधिकारी से इंडो स्पंज पावर एंड स्टील लिमिटेड के विरुद्ध शिकायत की थी। 3 नवंबर 2020 को जाँच में पहुंचे सहायक अभियंता तोरन सिंह ने शिकायत सही पाई थी। उन्होंने 50 टीडीपी से अधिक मात्रा में वायु प्रदूषण फैलाए जाने सहित 5 अन्य गम्भीर खामियां पाई थी। उद्योग की चिमनी से धुंआ न जाकर निचले हिस्से से जाना पाया गया था। उद्योग में डस्ट उत्सर्जन बिंदुओं पर जल छिंडकाव की व्यवस्था किया जाना नहीं पाया गया था। कोल इजेक्टर के पास डस्ट स्प्रेशन की प्राथमिक व्यवस्था नहीं पाई गई थी। उद्योग की हाउस कीपिंग व्यवस्था अच्छी नहीं पाई गई थी।उद्योग परिसर में जल छिंडकाव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। इन तमाम खामियों को दुरुस्त करने इंडो स्पंज पॉवर एंड स्टील लिमिटेड के महाप्रबंधक ज्योति रंजन को नोटिस जारी की गई थी। लेकिन उद्योगों पर मेहरबानी के लिए चर्चित पर्यावरण विभाग ने इसके बाद पूरा मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। । जिसका खामियाजा अब यहाँ बाशिंदे भुगत रहे हैं।

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प्रभावित लोगों की नई कलेक्टर से बढ़ी आश

नए कलेक्टर की पदस्थापना के साथ ही लोगों की उम्मीद एक बार फिर बढ़ गई है। प्रदूषण की मार झेल रहे यहाँ के बाशिंदों को कलेक्टर रानू साहू से उम्मीद है कि वो इन उद्योगों की मनमानी व प्रदूषण पर लगाम लगाएंगी। उन्हें इस प्रदूषित फिजा से राहत दिलाएंगी। स्थानीय रहवासियों का कहना है कि कोरोनाकाल में प्रशासन को उनकी सुध लेकर सार्थक पहल करना चाहिए। इसके लिए लोग एक बार फिर कलेक्टोरेट जाकर गुहार लगाने एकजुट हो रहे हैं।क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी भी नए आए हैं उनके समक्ष भी जन शिकायतों के त्वरित निराकरण की चुनोती होगी।

लोगों की सुनें

बदन दर्द करता है

हिमाद्री कैमिकल्स प्लांट की वजह से बहुत तकलीफ झेल रहे हैं। रात को प्लांट से बड़े पैमाने धुंआ निकलता है।स्वास्थ्य खराब हो रहा है ,पिछले कुछ सालों से बदन दर्द से जूझ हूँ। जनहित में प्लांट बन्द कर देना चाहिए।

दुलारी यादव ,झगरहा

आवाज उठाते उठाते थक गए कोई नहीं सुन रहे

शुरू से हम हिमाद्री कैमिकलस के प्लांट को बन्द करने आवाज उठाते आ रहे हैं। न जनप्रतिनिधि सुनते हैं न अधिकारी । बहुत गंदी हवा वातावरण में प्रवाहित हो रही है,चर्म रोग ,सांस लेने में सी होती है।

के. एन. यादव ,झगरहा

बंद कर दें हिमाद्री प्लांट


प्लांट से लगा हुआ मकान है । बहुत तकलीफ झेल रहा हूँ ,राखड़ गिरने से खुजली सूजन हो रही है। हमेशा विरोध करते आ रहे हैं ,दो साल पहले भी शिकायत किया था कुछ नहीं हुआ।

मोहित राम ,झगरहा

लाखों का घर बनाया प्रदूषण झेल रहे,बंद करें इंडो स्पंज


शुद्ध आबो हवा में सपरिवार जिंदगी गुजर बसर करने मकान बनाया ,आज प्रदूषित वातावरण में सांस ले रहे हैं। इंडो स्पंज की धूल मकान ,कपड़े ,साग सब्जी सब बर्बाद कर रही। प्लांट बन्द कर देना चाहिए।

ज्योतिलाल साहू ,रिस्दी

भविष्य में और बढ़ेगी परेशानी


प्रदूषण की समस्या से अधिकारी अंजान नहीं है । इंडो स्पंज की वजह से अब प्रदूषण घरों तक पहुंच रहा। घर बना तो रहे अपनी जमीन पर लेकिन प्रदूषण से निजात नहीं मिली। भविष्य में आबादी अधिक होगी तो समस्या और ज्यादा बढ़ जाएगी।कार्यवाई होनी चाहिए।

सुमित कुमार यादव,रिस्दी

बस्ती के नजदीक प्लांट खरनाक

इंडो स्पंज बस्ती के बेहद नजदीक है वातावरण प्रदूषित हो रहा है। कोरोनाकाल में समस्या और बढ़ गई है । इस दिशा में सार्थक पहल करते हुए जनहित में प्लांट को पूर्णरूप से बन्द कर देना चाहिए।

सीताराम केंवट,रिस्दी

शीघ्र जाँच कराएंगे

शिकायत गम्भीर है ,शीघ्र इसकी जांच कराएंगे । नाम्स का पालन सुनिश्चित करना होगा। नियमों की अनदेखी पर कार्यवाई करेंगे।

अंकुर साहू,क्षेत्रीय अधिकारी ,पर्यावरण संरक्षण मंडल रामपुर ,कोरबा