कोरबा। एसईसीएल के बल्गी सुराकछार खदान के भूधसान से प्रभावित किसानों को विगत चार वर्षों का फसल क्षतिपूर्ति मुआवजा देने की मांग को लेकर प्रभावित किसानों के साथ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और छत्तीसगढ़ किसान सभा ने बैठक करने के बाद माकपा ने एसईसीएल प्रबंधन को 11 अक्टूबर को कोरबा मुख्यालय घेराव का नोटिस थमा दिया है।
आज यहां जारी एक प्रेस बयान में माकपा जिला सचिव प्रशांत झा और छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार आंदोलन किया गया है। जुलाई में सीएमडी के लगातार पुतला दहन कार्यक्रम के दौरान एसईसीएल प्रबंधन ने दो महीने के अंदर फसल नुकसानी का मुआवजा देने का लिखित आश्वासन
दिया था, लेकिन इस पर प्रबंधन ने अभी तक अमल नहीं किया है।
उल्लेखनीय है कि बल्गी सुराकछार खदान के भूधसान के कारण सुराकछार बस्ती के किसानों की भूमि वर्ष 2009 से कृषि कार्य करने योग्य नहीं रह गई है। इससे किसानों को हुए भारी नुकसान को देखते हुए वर्ष 2016-17 तक का फसल क्षतिपूर्ति व मुआवजा एसईसीएल प्रबंधन को देना पड़ा है।लेकिन इसके बाद वर्ष 2017-18 से वर्ष 2020-21 तक का चार वर्षों का मुआवजा अभी तक लंबित है। वर्ष 2012 में एसईसीएल प्रबंधन ने खेतों के भूमि समतलीकरण करने का भी आश्वासन दिया था, लेकिन उसने इस पर भी आज तक अमल नहीं किया।
माकपा नेता ने कहा कि दशहरा और दीवाली के त्यौहारों पर किसानों को पैसों की सख्त जरूरत होती है। इसलिए एसईसीएल को उनके मुआवजे का ब्याज सहित भुगतान करना चाहिए। किसानों की समस्याओं के प्रति एसईसीएल की उदासीनता और उसकी वादाखिलाफी के खिलाफ आक्रोशित किसानों की बैठक सुराकछार बस्ती में हुई बैठक में महिपाल सिंह,गणेश राम,मोहर दास, कन्हाई सिंह,विशाल राम,रघु लाल,लालजी,सावित्री चौहान, दुज बाई, झूल बाई के साथ बड़ी संख्या में प्रभावित किसान उपस्थित थे, किसानों ने बैठक में 11 अक्टूबर को एसईसीएल कोरबा मुख्यालय का घेराव करने की रूपरेखा बनाई।