ब्रेकिंग: BEO-BRC को हटाया गया, सस्पेंशन का भी प्रस्ताव : भ्रष्टाचार के मामले में कलेक्टर की बड़ी कार्रवाई….SDM की जांच में सही मिली शिकायत, तत्काल पद से हटाया गया, कमिश्नर को भेजा गया निलंबन का प्रस्ताव

कोंडागांव । भ्रष्टाचार के मामले पर कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने BEO और BRC के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सूखा राशन और कलेंडर खरीदी में गड़बड़ी के मामले में दोनों को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है, साथ ही उनके सस्पेंशन का प्रस्ताव बस्तर कमिश्नर को भेजा गया है। दरअसल BEO और BRC पर आरोप है कि सूखे राशन के वितरण एवं महापुरुषों के कलेंडर को बाजार मूल्य से अधिक दर पर स्कूलों को  वितरित किया था।

इस मामले की शिकायत कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा के पास पहुंची तो उन्होंने मामले पर संज्ञान लेते हुए दोनों ही मामलों में एसडीएम को जांच के आदेश दिए थे।

जांच रिपोर्ट आने पर कलेक्टर ने जांच प्रतिवेदन के अनुसार प्राथमिक तौर पर कोण्डागांव के बीईओ एवं बीआरसी को उचित कार्यवाही ना करते हुए योजनाबद्ध रूप से वित्तीय अनियमितता हेतु पद से पृथक्करण के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने न्यूवे न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि

“शिकायत मिली थी, जिसकी जांच का निर्देश SDM को दिया था, जांच की रिपोर्ट के आधार पर BEO और BRC के खिलाफ कार्रवाई की गयी है, उन्हें पद से हटाया गया है, उनके निलंबन का प्रस्ताव कमिश्नर को भेजा गया है”

जिसके तहत कोण्डागांव में प्रभारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी के रूप में पदस्थ व्याख्याता संदीप श्रीवास्तव एवं बीआरसी कोण्डागांव के रूप में पदस्थ प्रधान पाठक अवधेश पांडे को तत्काल प्रभाव से अपने पदों से पृथक करते हुए उनकी मूल स्थापना में पदस्थ कर दिया गया है। जिसके पश्चात संदीप श्रीवास्तव को उनकी मूल स्थापना शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोनाबाल एवं अवधेश पांडे को शासकीय उच्च माध्यमिक शाला बोलबोला में पदस्थ किया गया है।

उल्लेखनीय है कि लिखित शिकायतों के माध्यम से कोण्डागांव के विभिन्न स्कूलों में महापुरुषों के छायाचित्र बाजार मूल्य से अधिक दर पर बिना किसी शासकीय आदेश के प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में भेज कर बिलों के भुगतान हेतु दबाव डाले जाने के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई थी। उसकी जांच में पाया गया कि योजनाबद्ध तरीके से इस वित्तीय अनियमितता हेतु कार्य किया गया था। वहीं सूखे राशन के वितरण हेतु भी लिखित शिकायत प्राप्त होने पर कलेक्टर ने जांच हेतु निर्देशित किया था। जिसकी जांच में सुखा राशन वितरण में भी गंभीर अनियमितताओं की शिकायत को सही पाया गया।

जिस पर कलेक्टर ने पद पृथक्करण के पश्चात बस्तर संभाग के आयुक्त को पत्र द्वारा बीईओ एवं बीआरसी को जांच प्रतिवेदन के आधार पर गंभीर आरोपों का दोषी मानते हुए निलंबित करने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया है। इसके अतिरिक्त कलेक्टर ने सभी विकास खंडों में हो रहे खाद्यान्न वितरण की जांच हेतु एसडीएम स्तर पर जांच के निर्देश दिए हैं।