सटीक बैठा अनुमान,तीसरी लहर वैक्सीन के दायरे से बाहर 14 साल तक के मासूमों पर बरपा रहा कहर ,हफ्ते भर में ही कोरबा में 150 से अधिक बच्चे संक्रमित

कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने से ही रुकेगा संक्रमण की रफ्तार ,अभी वैक्सीन नहीं हुई ईजाद ,बच्चों पर देना होगा विशेष ध्यान

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा(भुवनेश्वर महतो) । तीसरी लहर में बेकाबू हो चुके कोरोना संक्रमण ने आशंकाओं के मुताबिक बच्चों पर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। वैक्सीन के दायरे से बाहर रहने वाले 14 साल से कम आयु के बच्चों पर इसका सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है। इनके लिए वैक्सीन ईजाद नहीं हुई है। कोरबा जिले में पिछले 8 दिनों में 153 बच्चे संक्रमित पाए गए हैं।लिहाजा इस आयु वर्ग के बच्चों को संक्रमण से बचाने अभिभावकों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर विशेष ध्यान देना होगा।

यह बताना होगा कि तीसरी लहर की दावे के साथ ही साथ दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह आशंका जताई थी था कि तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ेगा। निश्चित तौर पर कोरोना की तीसरी लहर की पिक आने से पहले यह भविष्यवाणी काफी हद तक सच होती हुई नजर आ रही है । बात करें आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले की तो यहां 7 जनवरी से 14 जनवरी तक 2984 संक्रमित पाए गए हैं इनमें 153 संक्रमित 15 साल से कम आयु के बच्चे हैं। कुल संक्रमितों में इस आयु वर्ग के संक्रमित बच्चों की संख्या 5.12 प्रतिशत है। लेकिन ये वो बच्चे हैं जिनके लिए शासन अभी कोरोना की वैक्सीन इजाद नहीं कर सकी है। हालांकि इसके लिए विभिन्न कंपनियों का प्रयास जारी है। निश्चित तौर पर संक्रमित हो रहे इस आयु वर्ग के बच्चों को लेकर अभिभावकों सहित जिला प्रशासन की चिंता जायज है। जिसके लिए एकमात्र उपाय वर्तमान में लागू कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना ही नजर आ रहा।राहत की बात यह है कि अधिकांश बच्चे माइल्ड कोरोना की वजह से तेजी से ठीक हो रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर की पिक जनवरी के आखिरी सप्ताह से लेकर फरवरी माह तक इन आंकड़ों में और इजाफा होने की संभावना है। हालांकि राज्य शासन ने समय रहते स्कूलों को बंद कर इस आयु वर्ग के बच्चों को कोरोना वायरस की संक्रमण से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है नहीं तो वाकई तीसरी लहर इन बच्चों को बड़ी संख्या में चपेट में ले लेती।

संक्रमितों में बालक अधिक

7 जनवरी से 14 जनवरी के मध्य संक्रमित पाए गए 15 साल से कम आयु के 153 संक्रमित बच्चों में सबसे ज्यादा संख्या बालकों की है जहां 82 बालक संक्रमित पाए गए हैं वहीं 71 बालिकाएं संक्रमित पाई गईं ।

स्कूल छात्रावासों में पाए गए ज्यादा संक्रमित

इनमें दो राय नहीं है कि इस आयु वर्ग के बच्चों में संक्रमण का केंद्र स्कूल, आश्रम ,छात्रावास रहे। सबसे ज्यादा संक्रमण आवासीय स्कूल छात्रावासों में देखने को मिला। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक के 2 से 14 साल तक के बच्चे संक्रमित पाए गए हैं।जिनका अभी घर पर ही निर्धारित कोविड प्रोटोकॉल के तहत उपचार किया जा रहा है। निश्चित तौर पर ये बच्चे संक्रमित स्टाफ के संपर्क आए होंगे जिसकी वजह से बच्चों में भी संक्रमण फैला। हालांकि इसका सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है कि बच्चे कहाँ से संक्रमित हुए।

माइल्ड कोरोना खतरे की संभावना कम

दूसरी लहर के मुकाबले वर्तमान कोरोना संक्रमण से उतना खतरा नहीं है। दूसरी लहर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने लोगों के लंग्स पर असर डाला था यही नहीं ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल भी कम हो रहा था। जिसकी वजह से लोग बड़ी संख्या में अस्पतालों में भर्ती हो रहे थे। ऑक्सीजन सपोर्ट एवं वेंटिलेटर तक जाने की स्थिति निर्मित हो रही थी।जिसकी वजह से मौतें भी अधिक हो रही थी। जबकि तीसरी लहर में कोरोना का प्रभाव श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से (नाक ,गला ,मुंह)में ही है। माइल्ड कोरोना की वजह से 90 फीसदी से अधिक मरीज 5 से 7 दिनों के भीतर घर पर ही स्वस्थ हो जा रहे। यही वजह है कि जिले में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध होने के बाद भी शासकीय एवं निजी अस्पतालों की बेड खाली हैं। तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसकी मुख्य वजह कम से कम 90 फ़ीसदी आबादी के कम से कम एक डोज कोरोना वैक्सीन लेने को भी बता रहे ,जिसकी वजह से कोरोनावायरस का संक्रमण लोगों पर खासा असर नहीं डाल रहा।

14 साल के संक्रमित बच्चे एक नजर में

दिनांक बालक -बालिका योग

7 जनवरी- 2 – 9 -11

8 जनवरी – 15 – 9-24

9 जनवरी – 4 – 4 -8

10 जनवरी – 9 – 8 -17

11 जनवरी – 12 -11 -23

12 जनवरी – 12-7-19

13 जनवरी – 15 -14 -29

14 जनवरी -13 -09-22

योग -82 -71-153