कोरबा। कटघोरा -पतरापाली के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग ( नेशनल हाईवे ) फोरलेन सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण में गड़बड़ी की वजह से ग्रामीण परेशान हैं। डूमरकछार में ठेका कंपनी ने बिना मुआवजा दिए ही मकान और बाउंड्रीवॉल तोड़ दिया। जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो पता चला कि सूची से ही नाम गायब है। ऐसे 150 से अधिक लोगों को गलत सर्वे की वजह से परेशान होना पड़ रहा है। इससे सड़क निर्माण का काम भी प्रभावित हो रहा है।
यहां बताना होगा कि फोरलेन सड़क बनाने के लिए 41 किलोमीटर में 208 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया 2018 में शुरू हुई थी। इसका पहला प्रकाशन होने के बाद मुआवजा के लिए एनएचआई ने भू-अधिग्रहण अधिकारी कटघोरा के पास 230 करोड़ की राशि जमा कराई थी, लेकिन चैतमा से पाली के बीच डूमरकछार सरायपाली और रंगोले के कई ग्रामीणों का नाम ही मुआवजा सूची से गायब कर दिया।
पहले 814 प्रकरण बने थे, जिसमें दावा आपत्ति और सूची में सुधार के नाम पर 223 प्रकरण बढ़ा दिए, लेकिन उन्हीं लोगों के नाम को सूची में शामिल कर लिया गया, जिन्होंने अधिक मुआवजा पाने के लिए जमीन के कई टुकड़े कर 12 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री कराई थी। वास्तविक ग्रामीणों का नाम काट दिया गया। डूमरकछार में भी यही हुआ। राजस्व अधिकारियों की लापरवाही से अनावश्यक मकान और बाउंड्रीवाल तोड़ दिए गए। अब ग्रामीण मुआवजा के लिए भटक रहे हैं।
बाउंड्री वॉल को तोड़ा मकान को भी किया क्षतिग्रस्त
धौराभाठा निवासी विनोद जगत का डूमरकछार में पक्का मकान व जमीन है। जिस पर उसने बाउंड्रीवाल कराया है, लेकिन अभी तक उसे मुआवजा नहीं मिला और ठेका कंपनी नई सड़क बनाने के लिए बाउंड्रीवॉल को तोड़कर मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया।
पहले 12 लाख अब 8 लाख रुपए बताया जा रहा
माखनपुर के बसंत गुप्ता का 333 वर्ग मीटर में पक्का मकान आंगन और बाड़ी है। पहले अधिक मुआवजा बताया, लेकिन बाद में इसे कम कर दिया गया। जिसकी वजह से अब उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाया है। 12 लाख को अब आठ लाख रुपए बताया जा रहा है।
शिकायतों की कराई जा रही जांच, उसके बाद होगी कार्रवाई: एसडीएम
कटघोरा की भू -अर्जन अधिकारी, एसडीएम नंदजी पांडेय का कहना है कि मामले में शिकायत के बाद जांच कराई जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुरूप आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विधायक की शिकायत पर जांच शुरू, सामने आएगी गड़बड़ी!
पाली तानाखार विधायक मोहित राम केरकेट्टा ने अधिक मुआवजा पाने के लिए टुकड़े-टुकड़े में जमीन रजिस्ट्री कराकर करीब 100 करोड़ रुपए का शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की शिकायत की थी, जिसकी जांच शुरू हो गई है। उन्होंने सबसे अधिक गड़बड़ी सुतर्रा, कापूबहरा, जुराली में होने की बात कही है।