शारीरिक संबंध बनाओ नहीं तो रेप केस में फंसा दूंगी: महिला की धमकी से तंग आकर उतारा मौत के घाट

रायपुर। राजधानी रायपुर से लगे मंदिर हसौद के खुटेरी जंगल में मिली महिला की लाश का मामला अब पुलिस ने सुलझा लिया है और आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। शैलेंद्र धीवर ने मंदिर हसौद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह अपनी मां भगवंतीन धीवर को 8 फरवरी को शाम 4:30 बजे बस स्टैंड मंदिर हसौद में ग्राम मोखला आरंग जाने के लिए छोड़ा था। जो आरंग नहीं पहुंची थी।

अगले दिन 9 फरवरी को मिला था महिला का शव

अगले दिन 9 फरवरी को महिला का शव थाना मंदिर हसौद के ग्राम खुटेरी जंगल में मिला। शैलेंद्र धीवर ने सूचना मिलने के बाद जाकर देखा तो मां भगवंतीन धीवर के रुप में पहचान की। महिला के गले में लाल रंग का स्कार्फ कसा था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था। महिला की गला दबाने से हत्या पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिलने के बाद के बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपित के विरुद्ध मंदिर हसौद में अपराध दर्ज किया था।

मुखबिर की सूचना पर आरोपी हुआ गिरफ्तार

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में साइबर सेल एवं थाना मंदिर हसौद की संयुक्त टीम ने अज्ञात आरोपित की पतासाजी शुरू की। मृत महिला के बेटे और आसपास के लोगों से जानकारी जुटाने के बाद और मुखबिर को लगाया था। मखबिर से पुलिस को सूचना मिली कि मृतका को अंतिम बार आरंग बैहार निवासी संतू राम दीवान के साथ देखा गया था। लिहाजा पुलिस ने संतु राम दीवान को हिरासत में लेकर पूछताछ की।

ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर वारदात को दिया अंजाम

पुलिस की कड़ाई से पूछताछ करने पर संतू राम ने बताया कि मृतका भगवंतीन धीवर उसे रेप केस में फंसाने की धमकी देकर लगातार ब्लैकमेल करते हुए अपने साथ शारीरिक संबंध बनाने को मजबूर करती थी। इसी बात से तंग होकर आरोपित ने मृतका को बस स्टैंड मंदिर हसौद से अपने साथ बाइक से ले जाने के बाद स्कार्फ से उसका गला दबाकर हत्या कर दी थी।

ऐसी महिलाओं का होता है अक्सर यही अंजाम

बता दें कि लोग इस समाज को कितना भी पुरुष प्रधान कहें लेकिन संविधान ने महिलाओं को उनकी सुरक्षा के लिए इतनी शक्ति और अधिकार प्रदान किए हैं जो कहीं ना कहीं पुरुषों को प्रभावित करता है । अनेक मामलों में महिलाएं अपने कानूनी अधिकारों का प्रयोग पुरुषों को ब्लैक मेलिंग करने के लिए करती हैं , फिर चाहे पैसे उगाही के लिए हो या फिर अपनी हवस मिटाने के लिए । ऐसे मामलों में केवल 3 परिणाम सामने आते हैं । पहला लेनदेन करके मामला दबाना, दूसरा केस दर्ज करा दिए जाने के बाद कानूनी कार्रवाई से गुजरना और तीसरा खौफनाक अंजाम जो आपके सामने है ।