रूस । रूस ने गुरुवार के तड़के की यूक्रेन पर हमला कर दिया। इस युद्ध की आहट को देखते हुए पहले ही वहां रहने वाले भारतीयों को सलाह दी गई थी कि वे जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ दें। वहां बड़ी संख्या में भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने गए हैं। इनमें छत्तीसगढ़ के भी अनेक छात्र-छात्राएं शामिल हैं। ऐसे ही एक छात्रा व उनके साथी गुरुवार को फ्लाईट पकड़ने ओडेसा पहुंचे। मगर तब तक युद्ध शुरू हो गया था। यूक्रेन में आपातकाल लागू हो गया है। ये छात्र-छात्राएं वहां एयरपोर्ट पर ही फंस गए हैं। रह रह कर धमाकों की आवाज से वे सिहर रहे हैं।
जिला पुलिस बल में पदस्थ टीआई हरीश टांडेकर की पुत्री गीतिका टांडेकर भी उनमें से एक है। उसने 2017 में एमबीबीएस करने के लिए दनिप्रो पेट्रोवस्क की स्टेट यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था। वह फाइनल इयर की स्टूडेंट है। उनके पिता टीआई हरीश टांडेकर ने बताया कि ओडेसा सिटी जहां एयरपोर्ट है वह इस शहर के करीब 600 किलोमीटर दूर है। बुधवार को गीतिका व उनके सहपाठी ट्रेन से निकले। वे गुरुवार की अलसुबह जब ओडेसा पहुंचे तब तक रूस ने हमला कर दिया था और पूरे देश में इमरजेंसी लागू हो गई थी। सभी हवाई सेवाएं बंद कर दी गईं। जिसके कारण ये लोग भारत के लिए उड़ान नहीं भर सके। गीतिका ने बताया कि उसके साथ फाइनल ईयर की स्टूडेंट साक्षी, विनोद मोटवानी, मनोज साही, फोर्थ ईयर का स्टूडेंट भरत सत्यावली व इसी वर्ष पढ़ाई के लिए आया राहुल चजालना भी है। गीतिका ने बिलासपुर के डॉ.सुधांकर तिवारी के माध्यम से यूक्रेन की यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था।
रह रह कर आ रही है धमाकों की आवाज
लोगों ने बताया कि सुबह कोई 3 बजे से धमाकों की आवाज आने लगी। शहर के बड़े हिस्से में बिजली भी नहीं है। बाहर आपाधापी मची हुई है। लोगों को जरुरी सामान यहां तक कि पानी भी नहीं मिल रहा है। ओडेसा से कुछ 400 किलोमीटर दूर युद्ध की संघर्ष भूमि है। हमारे पास इस शहर में रहने के लिए कोई जगह नहीं है। हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि किससे मदद लें। यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करने पर भी कोई समाधान नहीं हो रहा है। एक आंकलन के अनुसार 15 हजार से अधिक भारतीय यहां फंसे हुए हैं।
भारत सरकार करे मदद
इन स्टूडेंट ने कहा कि उनकी वाट्सअप कॉल पर परिजनों से बात हो रही है। कभी नेटवर्क गुल भी हो रहा है। हमें बताया गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने दिल्ली में मदद के लिए अधिकारी तैनात कर हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं किन्तु वहां से भी जो जहां है फिलहाल वहीं रहे की सलाह दी जा रही है। एक अन्य छात्र ने कहा कि यह दुखद है कि तीन दिन पहले एयर इंडिया ने अपनी टिकट के दाम दोगुने से ज्यादा कर दिए। पहले 30-32 हजार टिकट थी जो बढ़कर 78-80 हजार कर दी गई। हालांकि बाद में इसे लगभग 60 हजार किया गया। दूसरी एयर लाइंस लगभग 40 हजार की टिकट दे रही थीं, किन्तु बाद में वहां भी सीट नहीं थी। भारत सरकार को चाहिए कि वह तत्काल हमें यहां से एयर लिफ्ट करने की व्यवस्था करवाएं।
अब तक 73 लोगों ने किया है संपर्क
सीएम भूपेश बघेल ने दो दिन पहले ही यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट की मदद के लिए निर्देश जारी किए थे। छत्तीसगढ़ सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए। जिसमें लंैडलाइन नंबर 01146156000, मो. 9997060999 व फैक्स नंबर 01146156030 शामिल है। यहां संपर्क अधिकारी गणेश मिश्रा हैं। जब हमने उनसे संपर्क किया तब उन्होंने बताया कि अब तक उनसे छत्तीसगढ़ के 73 स्टूडेंट के परिजनों ने संपर्क किया है। जो कोरबा, बिलासपुर, भिलाई, रायपुर, राजनांदगांव सहित अन्य शहरों के हैं। चूंकि अब युद्ध शुरू हो गया है तब यही सलाह है कि जो जहां हैं वहीं सुरक्षित रहें। सारे एयर आपरेशन बंद हैं। कीव स्थित भारतीय दूतावास में अंबरीश वेमुरी से संपर्क करने के लिए छात्रों से कहा गया है।