हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गोधन निर्मित पिटारे से निकली पुराने पेंशन बहाली की सौगात से एनपीएस अधिकारी कर्मचारी वर्ग में हर्ष व्याप्त है। शासन के इस सौगात से जिले में तकरीबन 8 हजार अधिकारी कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
गौरतलब हो कि प्रदेश में तकरीबन 3 लाख शासकीय कर्मचारी हैं। कर्मचारियों में तकरीबन 1लाख जीपीएफ कर्मचारी हैं। जिन्हें सामान्य भविष्य निधि का लाभ (पेंशन)मिल रहा है। जबकि तकरीबन 2 लाख सीपीएस (नवीन अंशदायी पेंशन) कर्मचारी हैं।ये कर्मचारी 2004 एवं उसके बाद नियुक्त कर्मचारी हैं। इनको पेंशन की पात्रता नहीं है। जिसे लेकर सीपीएस अधिकारी कर्मचारी वर्ग में असंतोष व्याप्त था। कर्मचारी वर्ग कांग्रेस शाषित राजस्थान की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन की बहाली की लेकर मुखर था। गत वर्ष अक्टूबर -नवंबर 2023 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न होना है। इस चुनाव में दो लाख शासकीय कर्मचारी (परिजनों सहित 8 लाख) बड़ी भूमिका का निर्वहन करेंगे।प्रदेश की राजनीति की दशा एवं दिशा तय करने में महती भूमिका निभाएंगे। लिहाजा किसी भी सूरत में कांग्रेस सरकार इनको नाराज करने का जोखिम नहीं उठाना चाहती थी। सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर वित्त विभाग ने रूपरेखा तैयार कर पुरानी पेंशन बहाली की मसौदा तैयार की । वित्त विभाग की सहमति से बुधवार को सीएम भूपेश बघेल ने विधानसभा में पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा कर दी।कोरबा जिले में कार्यरत तकरीबन 15 हजार कर्मचारियों में से तकरीबन 8 हजार अधिकारी कर्मचारी सीपीएस कर्मचारी हैं। जिन्हें पुरानी पेंशन बहाली का लाभ मिलेगा।
8 से 10 साल बाद पड़ेगा बजट पर भार
2004 में नियुक्त एनपीएस पात्रता वाले कर्मचारियों की 2030 के बाद सेवानिवृति शुरू होगी। लिहाजा बजट पर भार 8 से 10 साल बाद पड़ेगा। फिलहाल कर्मचारियों में जश्न का माहौल है। अपने अपने स्तर पर तमाम अधिकारी कर्मचारी संगठन खुशियां मना रहे ,सीएम भूपेश बघेल कांग्रेस सरकार का आभार जता रहे।
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8 हजार अधिकारी कर्मचारी होंगे लाभान्वित
जिले में कार्यरत तकरीबन 15 हजार कर्मचारियों में से तकरीबन 8 हजार सीपीएस कर्मचारी हैं। जिन्हें पुरानी पेंशन बहाली का लाभ मिलेगा।
जी एस जागृति ,जिला कोषालय अधिकारी कोरबा