सरकारीकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिवों ने घेरा विधानसभा ,कोरबा के 370 सचिवों ने भी दिखाई ताकत ,पुलिस ने बेरिकेटिंग कर रोका

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज रायपुर -कोरबा। सरकारीकरण की एक सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेश पंचायत सचिव संघ के आह्वाहन पर राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल में 10 हजार से अधिक सचिव जुटे।जिसमें कोरबा के पदाधिकारियों के साथ 370 सचिव शामिल हुए। शासन की वादाखिलाफी को लेकर पंचायत सचिवों ने वादा निभाओ रैली निकालकर विधानसभा का घेराव कर आक्रोश जताया। हालांकि पुलिस ने बरेकेटिंग कर प्रदर्शनकारी सचिवों को पहले ही रोक लिया,इस दौरान हल्की झड़प भी हुई।

यहां बताना होगा कि 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि समाप्ति पश्चात संपूर्ण शासकीयकरण करते हुए वेतनमान 5200-20200 ग्रेड 2400 करने की मांग को लेकर प्रदेश स्तरीय आवाह्न पर पंचायत सचिवों ने 26 दिसंबर 2020 से 22 जनवरी 2021 तक कुल 28 दिवस तक हड़ताल किया था। पंचायत सचिवों की हड़ताल से ग्राम विकास के समस्त कार्य प्रभावित हो रहे थे। जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष प्रतिनिधिमंडल को चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया था। प्रांताध्यक्ष तुलसी साहू के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से 31 दिसम्बर 2021 तक मांग पूरी करने का आश्वासन दिया गया था। इसी शर्त पर पंचायत सचिवों ने हड़ताल वापस ले लिया था। लेकिन इसके बाद भी आज पर्यंत शासन ने अपना वादा पूरा नहीं किया। जिससे आक्रोशित पंचायत सचिवों ने अपनी 1 सूत्रीय मांग सरकारीकरण को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी थी 7 मार्च को जिला स्तर पर प्रदर्शन के बाद 9 मार्च को विधानसभा घेराव की चेतावनी दी थी। तय कार्यक्रम के तहत 9 मार्च को राजधानी रायपुर स्थित बूढ़ातालाब में पूरे प्रदेश के 10 हजार 978 सचिव जुटे। प्रदेश अध्यक्ष तुलसी साहू के नेतृत्व में विधानसभा घेराव के लिए रैली की शक्ल में कूच किया। इस प्रदर्शन में कोरबा जिले के पदाधिकारियों सहित 370 सचिवों ने सहभागिता सुनिश्चित की । प्रदेश महामंत्री एव जिला उपाध्यक्ष सुनील जायसवाल , जिला अध्यक्ष धरम भारद्वाज ,जिला सचिव संवित साहू सहित सभी सचिव आक्रोश रैली में शामिल हुए। जिला सचिव संवित साहू ने बताया कि विधानसभा घेराव की चेतावनी व सचिवों की एकजुटता से सरकार घबरा गई है। हड़ताल को विफल करने विधानसभा घेराव से पहले रोकने तगड़ी बेरिकेटिंग की गई । सैकड़ों पुलिस बल तैनात रहा। फिर भी हम सभी सचिव अपने इरादों पर अड़िग रहे,मांगे जब तक पूरी नहीं हो जाती किसी भी दमनकारी नीतियों से नहीं डरेंगे , पीछे नहीं हटेंगे।