कोरबा । करतला ब्लॉक का ग्राम पंचायत सरगबुंदिया एक बार फिर सुर्खियों में है। पूर्व में यहां की सरपंच के पति और देवरों के द्वारा जहां कटघोरा वन मंडल एवं पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम कुटेश्वरनगोई के जंगल में जाकर फर्जी मजदूर के तौर पर तालाब खोदने और 12 लाख से अधिक का फर्जी किन्तु असली भुगतान प्राप्त कर लेने का मामला सुर्खियों में रहा और इसकी जांच चल रही है वहीं एक नया मामला सामने आया है।सरपंच आराधना तंवर पर मनमानी करने का आरोप लगा है। पंचायत की बैठक में अपने पति अश्वनी तंवर और देवर कटघोरा वन मंडल के कर्मी (बीटगार्ड) प्रद्युम्न सिंह तंवर के मार्गदर्शन में और उनसे मोबाइल पर बात करके बैठक का संचालन करने का आरोप जनपद सदस्य रीना सिदार सहित उप सरपंच व पंचों ने लगाया है।

शिकायत हुई है कि 19 मार्च को ग्राम पंचायत में बैठक सरपंच के द्वारा रखी गई थी। इस बैठक में प्रस्ताव रजिस्टर पांचों के द्वारा हस्ताक्षर करने के लिए सरपंच को दिया गया था जिसमें से प्रस्ताव और सूचना पंजी को लेकर सरपंच बैठक छोड़कर चली गई। आरोप है कि इस दौरान सरपंच के द्वारा अपने पति अश्वनी और देवर कटघोरा वन मंडल कर्मी प्रद्युम्न सिंह से मोबाइल पर बात करते हुए उनके कहने(निर्देश) के अनुसार काम किया जा रहा था। जनपद सदस्य रीना सिदार, उपसरपंच शिवराज साहू सहित सरोज कुमार, आनंद सिंह, रूप कुंवर, सुकृता सिदार, शकुंतला, जमुना बाई, मनमोहन सिंह सिदार, जानकी लाल, राजेंद्र कुमार आदि ने सरपंच की शिकायत किया है।बता दें कि प्रद्युमन सिंह वह शख्स है जिस पर आरोप लगा है कि ग्राम कुटेश्वरनगोई ब्लॉक पोड़ी उपरोड़ा के जंगल में खोदे गए तालाब में परिजनों के नाम से मजदूरी दी गई है। यहां पर जिन मजदूरों के नाम बताए गए हैं उनमें से कई लोग सरपंच व प्रद्युमन के परिजन/नातेदार हैं। तत्कालीन कटघोरा डीएफओ शमा फारूखी के कार्यकाल में गड़बड़झाला हुआ जिसमें सरगबुंदिया के रहने वाले किन्तु फर्जी मजदूरों ने कथित तौर पर कुटेश्वरनगोई के जंगल में तालाब भी खोद दिया। 12 लाख रुपए का फर्जी मजदूर घोटाला खटपट न्यूज़ ने सबसे पहले उजागर किया जिसकी जांच चल रही है लेकिन अभी तक तथ्य सामने नहीं लाए जा सके हैं। देखना है कि कलेक्टर के निर्देश पर कराई जा रही तालाब खुदाई और फर्जी मजदूरों के मामले की जांच कब तक और किस हद तक पूरी हो पाती है?