रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजधानी पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने 10 दिन पहले सिविल लाइन से लापता हुए 3 साल के बच्चे सुभाष को ढूंढ निकाला है। पुलिस के मुताबिक बच्चे का अपहरण हो गया था। जिसके आरोपियों को देहरादून से गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस की टीम आरोपियों को जल्द ही देहरादून कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर आरोपियों को रायपुर लाएगी।
इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने वाली पुलिस की टीम को आईजी डॉ आनंद छाबड़ा ने 30 हजार रुपए इनाम देने की भी बात कही है। पुलिस की टीम बच्चे की तलाश के लिए कई टीमें बनाकर काम कर रही थी। इसके लिए रायपुर एसएसपी ने 11 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने बच्चे की तलाश के लिए शहर के हर इलाके के कैमरों को खंगाला। इसके बाद टीम को एक बड़ा सुराग मिला।इस पूरे मामले की जानकारी एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने दी है।
कैसे हुआ था अपहरण ?
पुलिस की एसआईटी ने बच्चे सुभाष की खोज के लिए शहर के लगभग 1 हजार सीसीटीवी खंगाले। घटना 8-9 मार्च की है। जब सतबिहिनिया मंदिर में सो रहे तीन साल के बच्चे सुभाष सोनवानी का दो बाइक सवारों ने अपहरण कर लिया था। सुभाष के माता पिता ने इसकी शिकायत पुलिस से की । पुलिस ने शिकायत के बाद मामले में छानबीन शुरु की। पुलिस ने जब आसपास के इलाकों के करीब 1 हजार से ज्यादा सीसीटीवी खंगाले तो दोनों ही आरोपी बच्चे को ले जाते दिखे। इसके बाद मुखबिर पुलिस को सूचना मिली कि बच्चे को अपहरण करने वाले देहरादून में हैं। लिहाजा पुलिस की दो टीम देहरादून के लिए रवाना हुई। देहरादून में पुलिस की टीम ने दो दिन तक डेरा डाला और आखिरकार बच्चे तक पहुंच गई। इस मामले में पुलिस ने बच्चे को सलीम नाम के शख्स के घर से बरामद किया। पुलिस के मुताबिक सलीम ने अपने साले इरफान और दोस्त शेर खान के साथ मिलकर अपहरण की घटना को अंजाम दिया। पूछताछ में सलीम ने बताया कि उसकी तीन बेटियां और एक बेटा था। बेटे की बीमारी के कारण मौत हो गई। इसलिए उसने बच्चे का अपहरण किया।
पुलिस ने वीडियो कॉलिंग में कराई बात
पुलिस की टीम ने जब मामले का खुलासा किया तो बच्चे के माता-पिता को भी बुलाया था। वीडियो कॉलिंग के जरिए बच्चे से पुलिस ने उनकी बात कराई। 10 दिन बाद बच्चे की झलक पाते ही माता-पिता की आंखों से आंसू निकल पड़े। दोनों इतने भावुक हो गए कि आंसू रोके नहीं रुक रहे थे। पुलिस की कार्यशैली और कार्रवाई का माता-पिता ने आभार जताया है।