लंबित महंगाई भत्ते पर रोष ,मंत्रालयीन अधिकारी कर्मचारियों में आक्रोश ,13 को सामूहिक अवकाश का ऐलान ,मंत्रालय में होगी तालाबंदी

रायपुर। केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी का असर गुरुवार को राज्य सरकार के कर्मचारियों में भी दिखा। छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर कई कड़े निर्णय लिए। बैठक में अधिकारी-कर्मचारियों ने महंगाई भत्ते को लेकर सरकार पर आक्रोश जताया।

सभी कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ के महंगाई भत्ते और केन्द्र सरकार के महंगाई भत्ते में बड़े अंतर को छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के साथ विश्वासघात बताया। वहीं संघ के उपाध्यक्ष हीराचंद बघेल, संयुक्त सचिव मनोज साहू, कोषाध्यक्ष पवन साहू, सदस्य उमेश सिंह ने बताया कि, केन्द्र सरकार द्वारा शुक्रवार को मंहगाई भत्ता में 3% की वृद्धि का निर्णय लिया गया है, जिससे छत्तीसगढ़ में महंगाई भत्ता केवल आधा प्राप्त हो रहा है। भीषण महंगाई में जहां पेट्रोल डीजल के दाम सहित प्रत्येक अत्यावश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं, ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के हक से वंचित रखना शासन की अदूरदर्शिता है।
छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने सीएम बघेल से आग्रह किया है कि तत्काल केन्द्र के समान मंहगाई भत्ता का आदेश जारी करें और न्याय की अवधारणा को सिद्ध करें। उन्होंने बताया कि मंहगाई भत्ता के साथ ही विगत 6 वर्षों से गृह भाड़ा भत्ते का पुनरीक्षण नहीं होने से कर्मचारी आक्रोशित हैं। इस सम्बंध में मंत्रालयीन कर्मचारी संघ की अगुवाई में शासन को चरणबद्ध आंदोलन की सूचना मंहगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 18 से अधिक संगठनों द्वारा पहले ही दे दी गई है। आंदोलन के तीसरे चरण के रूप में शासन को जगाने के लिए मंत्रालय के अधिकारी-कर्मचारी 13 अप्रैल को एक दिवसीय सामूहिक अवकाश पर रहेंगे, जिससे मंत्रालय में तालाबंदी की स्थिति रहेगी। इससे पूर्व इन दोनों मांगों के समर्थन में दो चरणों में क्रमश: 7 मार्च को मंत्रालय और जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन और 11 मार्च को बुढ़ापारा धरना स्थल से विधानसभा घेराव की कोशिश की गई थी।