रेडी टू ईट को लेकर कोरबा में विपक्ष का समूहों के साथ हल्ला बोल ,आईटीआई में दिया धरना ,कलेक्टोरेट तक रैली निकाल सौंपा ज्ञापन ,बोले नेता प्रतिपक्ष -महिलाओं के साथ भूपेश सरकार ने किया छलावा ,बीज निगम को कार्य देकर कर दिया बेरोजगार

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। रेडी टू ईट योजना के तहत पूरक पोषण आहार प्रदान करने की व्यवस्था स्थानीय स्व सहायता समूहों से छीनकर राज्य बीज निगम की संचालित इकाइयों को देने ऑटोमोटिव मशीन रेडी टू ईट फूड निर्माण करने के फैसले को लेकर विरोध का दौर जारी है। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद भी राज्य शासन द्वारा संचालन को लेकर स्पष्टता जारी नहीं करने से रेडी टू ईट फूड निर्माणकर्ता समूहों ने शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल के नेतृत्व में आईटीआई तानसेन चौक में जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

यहां बताना होगा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 6 माह से 6 वर्ष के नोनिहालों ,किशोरियों,गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के पोषण के लिए कार्य किया जा रहा है। पूर्व में स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से रेडी टू ईट कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा था । गेहूं ,सोया ,चना ,मूंगफली मिश्रित पौष्टिक पोषण आहार रेडी टू ईट 3 वर्ष तक के बच्चों ,गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के लिए प्रत्येक मंगलवार को दिए जाने का प्रावधान है ताकि उन पर कुपोषण की काली छाया न पड़े ,कुपोषित हितग्राही इसके दायरे से बाहर निकल सकें। लेकिन 24 दिसंबर 2021 को छत्तीसगढ़ शासन ने द्वारा कैबिनेट में लिए गए निर्णय अनुसार 1 फरवरी से राज्य बीज निगम की स्थापित इकाईयों के माध्यम से स्वचलित मशीनों के माध्यम से रेडी टू ईट का उत्पादन करने का निर्णय लिया था। इसके पीछे शासन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाईन का हवाला दिया है जिसमें मानव स्पर्श रहित गुणवत्ता युक्त आवश्यक पोषक तत्वों से भरे रेडी टू ईट बच्चों की सेहत के लिए उपयुक्त बताया गया है। हालांकि सरकार के इस फैसले से पिछले करीब डेढ़ दशक से रेडी टू ईट का निर्माण कर रहीं स्व सहायता समूह के हाथों से रोजगार छीन जाएगा। 20 हजार से अधिक महिलाएं सीधे तौर पर इससे प्रभावित होंगी।लाखों रुपए कर्ज लेकर विषम परिस्थितियों में भी स्व सहायता समूहों की महिलाओं ने योजना का सुचारू संचालन किया। शासन के फैसले के खिलाफ कवर्धा ,कोरबा ,सूरजपुर सहित कई जिलों में रैली निकाल कलेक्ट्रेट का घेराव कर विरोध जताया गया था । राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम आदेश को वापस लेने ज्ञापन सौंपा गया। विपक्षी दल भाजपा भी सत्ता पक्ष के इस निर्णय को लेकर हमलावर रही। सदन में हंगामा व बहिर्गमन तक किया गया। केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने सीधे खुले मंच से मुख्यमंत्री पर चहेतों को काम देने 20 हजार महिलाओं को बेरोजगार करने के गम्भीर आरोप लगाए। इधर शासन के फैसले के विरुद्ध स्व सहायता समूहों ने हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल कर दी। इस मामले में चरणबद्ध सुनवाई हो रही है। लिहाजा बीज निगम की स्थापित इकाइयों हाईकोर्ट में याचिका लगे होने की वजह से वो जोखिम नहीं उठा सकी। जिसे देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने वित्तीय वर्ष की समाप्ति 31 मार्च तक रेडी टू ईट के लिए वर्तमान प्रचलित व्यवस्था का विस्तार कर दिया है। अवकाश पर गईं सचिव रीना बाबा साहेब कंगाले ने इस आशय के आदेश जारी कर दिए थे।लेकिन हाल ही में बजट सत्र में विपक्ष के इस मुद्दे पर हंगामे के बाबजूद सरकार फैसले पर अडिग है। 1 अप्रैल से राज्य बीज निगम की स्थापित इकाईयों के स्वचलित मशीनों के माध्यम से तैयार रेडी टू ईट बच्चों तक पहुंचाई जा रही है।लेकिन वितरण को लेकर स्पष्ट आदेश जारी नहीं होने की वजह से बच्चों को टीएचआर नहीं मिल रहा। इधर हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद विभाग के द्वारा कार्य नहीं लिए जाने से नाराज समूहों ने शुक्रवार को भाजपा के नेतृत्व में आईटीआई तानसेन चौक में जमकर विरोध प्रदर्शन किया।सीएम भूपेश बघेल ,मंत्री श्रीमति अनिला भेड़िया पर तानाशाही का आरोप लगा जमकर नारे लगाए। नेता प्रतिपक्ष हितानन्द अग्रवाल के नेतृत्व में कलेक्टोरेट तक रैली निकालकर कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी को समूहों की बहाली कर तत्काल कार्य देने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष श्री अग्रवाल ने कहा कि जब समस्या परिवार के लालन पालन की आ जाती है तो महिला शक्ति को अपने हक के लिए इस तरह सड़क पर उतरकर धरना देना पड़ता है। उन्होंने भूपेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पूर्व व्यवस्था के तहत रेडी टू ईट के संचालन की जिम्मेदारी स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों को दी गई थी।समूहों के जरिए तैयार पोषण आहार सीधे महिलाओं तक पहुंचता था।लेकिन अब महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की बातें करने वाली भूपेश सरकार ने महिलाओं को ही बेरोजगार करने का प्रयास कर रही है । रेडी टू ईट का संचालन महिलाओं के हाथों से छीनकर राज्य बीज निगम के हाथों में सौंप दी है। बीज निगम ऑटोमोटिव मशीनों के जरिए रेडी टू ईट की आपूर्ति में लगी है । इससे कोरबा में जहां 91 समूहों की 900 सदस्य तो पूरे प्रदेश में 20 हजार महिलाएं बेरोजगार हो जाएंगी। भूपेश सरकार ने महिलाओं के साथ छलावा किया है। उन्होंने कार्यकर्ता ,मितानिन व स्वच्छता दीदियों के साथ भी छलावा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के आदेश का अवमानना कर रही है। कोर्ट के स्थगन के बाद भी समूहों को कार्य से पृथक रखा जा रहा है। भाजपा समूह की सभी माताओं बहनों के साथ उनको न्याय दिलाने खड़ी है। आज कलेक्टर ,डीपीओ को ज्ञापन सौंपे हैं शीघ्र पहल नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।