परसा कोल ब्लॉक स्थगन पर आज फिर होगी हाईकोर्ट में सुनवाई ,याचिकाकर्ता बोले- जमीन अधिग्रहण कर पेड़ों की कटाई नहीं करा सकती राज्य सरकार

बिलासपुर। हाईकोर्ट में परसा कोल ब्लॉक आबंटन और इसके नाम पर पेड़ों की कटाई को लेकर बहस जारी है। बुधवार को याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि निजी कंपनी के लिए कोयला खनन की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसके साथ ही राज्य शासन भी जमीन का अधिग्रहण कर पेड़ों की कटाई नहीं करा सकती। पेड़ों की कटाई पर स्थगन आदेश पर गुरुवार को भी बहस जारी रहेगी।

पिछली सुनवाई के दौरान पेड़ों की कटाई को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।हसदेव अरण्य को बचाने की मांग देश भर में उठने लगी है। बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर आंदोलनकारियों ने SAVE हसदेव के नारे लगाए और जंगल को बचाने की मांग की। इधर, परसा कोल ब्लॉक आबंटन के नाम पर पेड़ों की कटाई को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। मंगल साय, ठाकुर राम, मोतीराम, आनंद राम, पानिक राम एवं अन्य की ओर से प्रस्तुत याचिका दायर में बुधवार को बहस चली। इस दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने बताया कि परसा कोल ब्लाक के खदान से वे प्रभावित हैं। यहां राजस्थान विद्युत मंडल के लिए कोल ब्लॉक में खनन का कार्य निजी कंपनियां करेंगी। इस कारण कोल इंडिया जैसी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया नहीं अपनाई जा सकती।

स्टे आर्डर पर आज होगी बहस

याचिका में पेड़ों की कटाई रोकने के लिए हाईकोर्ट से आग्रह किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि परसा कोल ब्लॉक के नाम पर तकरीबन एक लाख पेड़ों की कटाई चल रही है। याचिकाकर्ताओं ने बतौर सबूत हरे-भरे पेड़ों की कटाई की तस्वीरें भी प्रस्तुत की है। गुरुवार को हाईकोर्ट में पेड़ों की कटाई रोकने के संबंध में स्थगन आदेश जारी करने पर बहस की जाएगी।