हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । पर्यटन स्थल सतरेंगा में बोटिंग का आनंद उठाने पहुंचे सरगुजा जिले के उदयपुर निवासी एक परिवार के 14 सदस्यों की जान पर्यटन मंडल के कर्मचारियों के लापरवाही की वजह से सांसत में आ गई थी। सतरेंगा के विशाल जलराशि का आनंद उठाने बोट पर सवार परिवार का बोट पेट्रोल के अभाव में महज 100 -200 मीटर दूर जाकर गहरे पानी मे बंद हो गई। 20 मिनट बाद दूसरे नाव से कर्मचारी पेट्रोल लेकर पहुंचे तब बच्चों की जान में जान आई।इस लापरवाही के बाद कर्मचारियों ने न केवल बोटिंग के पूरे 3 हजार वसूल लिए वरन पीड़ित परिवार से अभद्र व्यवहार भी किया। जिससे कोरबा और पर्यटन केंद्र सतरेंगा की छवि खराब हुई है । जल्द ही लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई की गाज गिरेगी।
छत्तीसगढ़ सरकार और पर्यटन मंडल के प्रयासों से प्रदेश के कोरबा जिले में मौजूद सतरेंगा नामक जगह पर एक शानदार पर्यटन स्थल बनकर तैयार हुआ है। यह स्थल आजकल प्रदेश ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। लेकिन सतरेंगा में काम करने वाले पर्यटन मंडल के कर्मचारियों का रवैया इस स्थल पर घूमने आने वाले पर्यटकों को निराश कर रहा है। दरअसल हुआ कुछ यूं कि रविवार की शाम उदयपुर सरगुजा निवासी सीपी सोनी अपने परिवार के 8 वयस्कों और 6 बच्चों को लेकर यहां घूमने पहंचे थे। बोट पर बैठकर नौकायन का आनंद लेने के लिए बच्चे और बड़े सभी उत्साहित थे। बड़े ही प्रसन्न मन से सभी बोट पर सवार भी हो गए, लेकिन बोट अभी लगभग 100 मीटर दूर ही गई होगी कि अपने आप बंद हो गई। बोट बंद होकर बीच पानी में अटक गई। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि छह बच्चे जिस बोट में सवार हों और वह बीच पानी में जाकर बंद हो जाए… तो क्या स्थिति बनी होगी। बहरहाल लगभग 20 मिनट तक दहशत में पानी के बीच गुजारने के बाद एक छोटी बोट में लोग पेट्रोल लेकर पहुंचे, बोट में पेट्रोल डाला गया तब जाकर वह स्टार्ट हुई। जो परिवार बोट पर इस दहशतभरे माहौल को झेल रहा था उसका आरोप है कि उनसे बोट पर पूरे भ्रमण का किराया तीन हजार रुपये लिया गया, लेकिन बोट बंद होने के बाद वहीं से वापस लाकर छोड़ दिया गया। इसे आप ऐसा भी कह सकते हें कि तीन हजार रुपये देकर सरगुजा का सोनी परिवार यहां आनंद नहीं बल्कि दहशत के साए में 20 मिनट गुजारने गया था। श्री सोनी ने कहा है कि उनके द्वारा आपत्ति जताए जाने पर वहां मौजूद कर्मचारियों ने लापरवाही भरे अंदाज में उलटे उन्हें ही खरी-खोटी सुना दी। श्री सोनी के मुताबिक कर्मचारियों ने यहां तक कहा कि बोट में पेट्रोल खत्म होना और उसका बंद पड़ जाना बहुत ही आम बात है, चाहे जहां उनकी शिकायत कर ली जाए कुछ नहीं होने वाला।