कोरबा – कोरबा जनपद पंचायत में जनपद अध्यक्ष और सीईओ के मध्य चले आ रहे जमे रहने और हटाने की खींचतान का आखिरकार पटाक्षेप हो ही गया। राज्य शासन ने आदेश जारी कर विवादित सीईओ एसएस रात्रे को हटाकर ट्राइबल विभाग में आगामी आदेश तक के लिए भेज दिया है। कोरबा जनपद के सीईओ अब गोपाल कृष्ण मिश्रा होंगे जिनका एक मामले में हुआ निलंबन फिलहाल बहाल कर दिया गया है। ज्ञात रहे श्री रात्रे के खिलाफ जनपद अध्यक्ष के बाद पंचायत सचिवों ने भी मोर्चा खोल दिया था व रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने भी धरना की चेतावनी दे दी थी। इसके बाद जनपद की सामान्य सभा का भी बहिष्कार कर दिया गया। हाई प्रोफाइल हो चुके इस मामले में देर से ही सही, पर शासन ने रात्रे को हटाने का निर्णय ले ही लिया।
हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में जनपद अध्यक्ष श्रीमती हरेश कंवर का भी रवैया समझ से परे रहा। पहले तो वे श्री रात्रे के खिलाफ रहीं पर बाद में उनके पक्ष में पत्र लिखती रहीं। इस तरह की राजनीति से आपसी फूट भी उजागर हुई। चर्चाओं के मुताबिक इस मामले में फिर पूर्व गृहमंत्री भाजपा नेता ननकीराम कंवर का वजन बढ़ा है और यह कहा जा रहा है कांग्रेस के पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर ने समर्थकों के साथ राजधानी में सीधे सीएम से मुलाकात की थी पर आश्वासन मिला जो पूरा नहीं हो रहा था। इधर पंचायत सचिवों की शिकायत पर भी जनपद अध्यक्ष ने सीईओ रात्रे का बचाव किया पर जब ननकीराम कंवर ने तेवर दिखाए तो यह तबादला आदेश जारी हो गया। बहरहाल जो भी हुआ, जिसके कारण हुआ, यह दूसरा विषय है पर अपनी ही सरकार में चुने हुए जनप्रतिनिधियों को इतना पापड़ बेलना पड़ा, इसकी तो चर्चा होनी ही है। अंत भला तो सब भला की तर्ज पर अब शिकायती खेमा संतुष्ट नजर आ रहा है।