शर्मनाक : सिस्टम हारी प्रसव पीड़िता की हौसले की हुई जीत ,मदद के लिए नहीं आई ‘महतारी संजीवनी ‘ जच्चा बच्चा की जान बचाने पिकअप में पथरीली रास्तों से होकर पति पहुंचा अस्पताल ,सिस्टम पर उठे सवाल

कोरबा ।सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने लाख दावे करे, करोड़ों खर्च करे, ये दावे और खर्चे समय समय पर सरकार की व्यवस्थाओं में खामियों की पोल खोलते रहते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा सोमवार को पाली में नजर आया। जहां सिस्टम हार गया और प्रसव पीड़िता की हिम्मत जीत गई । प्रसव पीड़िता तक न
102 महतारी एक्सप्रेस पहुंची ,न डायल 112 न ही संजीवनी एक्सप्रेस 108 की मदद मिली। जच्चा बच्चा की जान बचाने लाचार गरीब मजदूर पति एक मालवाहक पिकअप में पथरीली रास्तों से होकर पत्नी को अस्पताल लेकर पहुंचा । यहां भी अटेंडर नहीं होने पर खुद ही ले गया। पत्नी की साहस से जच्चा बच्चा दोनों की जान बच गई। लेकिन एक बार फिर सिस्टम पर सवालिया निशान उठ रहे।

शासन प्रशासन के कार्यों में गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार अनेकों प्रकार की व्यवस्था कर रही है। जनता की समस्याओं को लेकर सीधे हर एक व्यक्ति से भेंट कर रही है और जनता के समस्याओं के निराकरण में लापरवाही करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को दंडित भी कर रही । बावजूद जमीनी स्तर पर शासकीय सेवाओं में गुणवत्ता नहीं आ रही । सीधे राजधानी से संपर्क होने के बावजूद निचले स्तर के अधिकारी कर्मचारी किस तरह की लापरवाही बरत रहे हैं इसका जीता जागता उदाहरण पाली ब्लॉक के पोड़ी ग्राम में देखने को मिला । यहां सोमवार को करीब 10 बजे एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई। उसका पति उसे गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र में ले गया जहां प्राथमिक उपचार के दौरान गंभीर अवस्था को देखते हुए पाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर कर दिया गया। परिजनों ने आनन फानन में 102 महतारी एक्सप्रेस को कॉल किया लेकिन घंटो समय गुजर जाने के बाद भी नही पहुंची । इसके अलावा डायल 112,संजीवनी एक्सप्रेस 108 से भी संपर्क किया लेकिन कोई भी वाहन नही पहुंचा। इधर समय गुजरता जा रहा था गर्भवती महिला की प्रसव पीड़ा से बेहाल बेहाल हो रही थी। तब मजबूरन पति अपनी प्रसव पीड़ा से तड़पती पत्नी को मॉलवाहक आटो में भरकर ऊबड़ खाबड़ रास्ते से होकर अस्पताल पहुंचा । जहां पर परिजन स्टॉफ नहीं होने पर खुद वाहन से नीचे उतारकर व्हील चेयर से डिलवरी रुम ले गए । जहां स्टाफ नर्स ने नार्मल डिलवरी कराया और गर्भवती महिला पूनम बाई पति विजय कुमार 25 वर्ष जाति ब्राह्मण ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया।