मित्रता करनी हो तो श्री कृष्ण से सीखें ,दो मुट्ठी चावल के बदले सुदामा को दो लोकों का बना दिया स्वामी -पंडित नूतन पांडेय,
स्व रामायण देवी के वार्षिक श्राद्ध पर आयोजित हो रहा श्रीमद भागवत कथा सप्ताह

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । मित्रता करनी हो तो श्री कृष्ण से सीखें। जिन्होंने दो मुट्ठी चावल के बदले अपने परम मित्र गरीब सुदामा को दो लोकों का स्वामी बना दिया। आज हम सभी कलयुगवासियों को इन परममित्रों का अनुसरण करना चाहिए।

उक्त बातें नागिन झोरखी दीपका में
तिलकेजा से पधारे प्रसिद्ध कथावाचक पंडित नूतन पांडेय ने एसईसीएल कर्मी झाड़ूराम कश्यप के द्वारा अपने माताश्री रामायण देवी कश्यप के वार्षिक श्राद्ध के अवसर पर आयोजित श्री मद भागवत कथा सप्ताह के पांचवे दिन बुधवार को श्रोताओं से सुदामा चरित्र कथा प्रसंग के दौरान कही। संगीतमय श्रीमद भागवत कथा सप्ताह में इसके पूर्व दिवस श्री कृष्ण जन्मोत्सव,बाल लीला ,कृष्ण रुक्मणी विवाह का संगीतमय कथा वाचन किया गया। जिसमें स्वजनों सहित नगरवासियों ने नाचते गाते झूमते कथा अमृत गंगा का रसपान किया। नागिन झोरखी में इन दिनों कथा अमृत गंगा प्रवाहित हो रही। प्रतिदिन कथा में झाड़ूराम कश्यप अपनी धर्मपत्नी श्रीमति बसंती कश्यप के साथ विधि विधान से पूजा अर्चना संपन्न करा रहे। परिवार के समस्त बहु बेटियां रिश्ते नातेदार भी इस पावन कथा अमृत गंगा का रसपान कर पुण्य के भागीदार बन रहे।गौरतलब हो कि अपने 88 वर्ष के जीवनकाल में श्रीमती रामायण देवी ने मानव सेवा का अनूठा उदाहरण समाज में प्रस्तुत किया था। 18 वर्ष की अल्पआयु में नेत्रहीन होकर ससुराल से त्यागी जा चुकीं अपनी नन्दन को अपने साथ रख मृत्युपर्यंत (जीवनभर) सेवा कर मिसाल पेश की थीं। क्रोध पर जीवन में हमेशा नियंत्रण रखने वालीं रामायण देवी का गत वर्ष दीपका में निधन हो गया। जिनके आत्मा की मुक्ति के मार्ग के लिए पुत्र झाड़ूराम कश्यप ने श्रीमद भागवत कथा सप्ताह आयोजित कर रहे।