सरकार ने नहीं मानी मांग ,12 हजार मनरेगा कर्मचारियों का समूहिक इस्तीफा :21 मनरेगा कर्मचारियों को बर्खास्त करने के बाद नाराज कर्मियों ने राजधानी में सड़क पर दिया धरना

रायपुर । 21 कर्मचारियों को बर्खास्त करने के आदेश के बाद मनरेगा कर्मचारी गुस्से में हैं। कर्मचारियों का गुस्सा शुक्रवार को रायपुर की सड़कों पर देखने को मिला। बड़ी तादाद में अलग-अलग जिलों से मनरेगा कर्मी रायपुर पहुंचे। बूढ़ातालाब के धरना स्थल से रैली निकालकर ये कर्मचारी सप्रे स्कूल की तरफ बढ़े। वहां पुलिस ने आगे जाने से रोक दिया। सड़क पर ही बैठककर कर्मचारियों ने धरना दे दिया।

2 हजार से अधिक की तादाद में पहुंचे मनरेगा कर्मचारियों ने चक्काजाम कर दिया। तपती दुपहरी में मनरेगा कर्मचारी पूरे गुस्से में अफसरों के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इसके बाद 12 हजार कर्मचारियों का सामूहिक इस्तीफा दिया गया। लोगों के इस्तीफे का भारी-भरकम बंडल अधिकारियों को सौंप दिया गया। मनरेगा कर्मचारियों ने कहा कि अब ये आंदोलन तब तक चलेगा जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती। कर्मचारियों ने कहा कि हमें तो नियमित किए जाने का वादा किया गया था। फिर 21 लोगों को काम से निकालकर दूसरे नियमित कर्मचारियों को चार्ज दे दिया गया। सिर्फ इसलिए ताकि हम आंदोलन बंद कर दें, मगर ये नहीं होगा । मनरेगा कर्मचारियों ने कहा कि 21 सहायक परियोजना अधिकारियों की सेवा खत्म करने का आदेश जारी करना छत्तीसगढ़ के इतिहास में काला दिन है। बर्खास्तगी आदेश को संवैधानिक अधिकारों का हनन करार देते हुए प्रदर्शनकारियों ने आदेश की प्रतियां जलाईं।छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रांत अध्यक्ष चंद्रशेखर अग्निवंशी और कार्यकारी अध्यक्ष राधेश्याम कुर्रे ने बताया कि सहायक परियोजना अधिकारी की बर्खास्तगी के आदेश की महासंघ घोर निंदा करता है। इसी वजह से हमने सामूहिक इस्तीफा देने का कदम उठाया।

ये है मांग

0 रायपुर में पिछले दो महीनों से मनरेगा कर्मियों का आंदोलन चल रहा है। मनरेगा कर्मियों का दावा है कि छ.ग. में 3000 से अधिक मनरेगा कर्मचारियों की सेवा समाप्ति की गई है। दूसरे प्रदेशों जैसे बिहार , मध्यप्रदेश , उत्तराखंड , ओडिशा , हिमाचल प्रदेश में मनरेगा के कर्मचारियों के नियमितिकरण सहित अगल – अलग फायदेमंद नीतियां हैं।

0 कांग्रेस के चुनावी जन घोषणा पत्र के मुताबिक समस्त मनरेगा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाए।

0 नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक ग्राम रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण करते मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के साथ पंचायत कर्मी नियमों के तहत काम लिया जाए।