हसदेव अरण्य पर सियासत :सिंहदेव के कदम और बयानों से बढ़ी बैचेनी ,गेंद केंद्र के पाले में डाल रहे नेतागण

रायपुर। सरगुजा, सूरजपुर और कोरबा जिले को प्रभावित करने वाले हसदेव अरण्य स्थित परसा कोल ब्लाक को लेकर नित नई सियासत और बयानबाजियों का दौर जारी है। एक तरफ जहां प्रभावित इलाके के ग्रामीण पेड़ नहीं कटने देने पर अड़े हैं वहीं राजस्थान सरकार अपने यहां ब्लैक आउट का खतरा जताते हुए जल्द खनन शुरू कराने पर अड़ी है। वहीं राज्य सरकार का रवैया भी राजस्थान सरकार के प्रति सहयोगात्मक नजर आ रहा है। लेकिन इस बीच प्रभावित इलाके के जनप्रतिनिधि और राज्य सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव भी ग्रामीणों के विरोध के साथ खड़े हो गए हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि यदि पुलिस गोली चलाती है तो पहली गोली मेरे सीने पर चलेगी। अपने ही मंत्री के इस रवैये के बाद राज्य सरकार और श्री सिंहदेव के मंत्री बैकफुट पर दिख रहे हैं।

वहीं आज ही इस मामले को लेकर सवाल पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कोयला खदान आवंटन करने का अधिकार केंद्र सरकार को है। केंद्र सरकार ने हमारी सरकार आने से पहले खदान का आवंटन किया है। केंद्र सरकार को उस क्षेत्र के हितों की रक्षा करनी चाहिए। मरकाम ने कहा कि मंत्री टीएस सिंहदेव उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि हैं। जनप्रतिनिधि होने के नाते क्षेत्र के लोगों का सुख-दुख जानना उनकी जिम्मेदारी है। कुछ मांगे हैं तो सरकार तक पहुंचाने की उनकी जिम्मेदारी है।
आज इस पर प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत, जो स्वयं सरगुजा क्षेत्र से ही आते हैं, उनसे इस संबंध में पूछा गया तो वे गेंद केंद्र सरकार के पाले में डालने की कोशिश करते दिखे। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि माइनिंग ऑपरेशन की अनुमति केंद्र सरकार देती है, और हम भारत सरकार के आदेश से बंधे हुए हैं। उनहोंने यहां तक कहा कि हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई हो रही है तो इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। केंद्र सरकार ने ही एनवायरमेंट क्लियरेंस दिया है। स्वास्थ्य मंत्री के विरोध के संबंध में पूछे जाने पर उनहोंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री जो कर रहे हैं उसके लिए उन्हें केंद्र सरकार से बातचीत करनी चाहिए। श्री भगत ने कहा कि श्री सिंहदेव ने पहली गोली खाने वाला बयान किस सन्दर्भ में दिया है, ये तो उन्हीं से पूछना पड़ेगा। मैं इस संदर्भ में ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा।