कोरबा। जिले के कोयलांचल कुसमुंडा में शुक्रवार की सुबह-सुबह दोहरे हत्याकांड ने दिल दहला दिया। एसईसीएल कर्मी आरके दास की पत्नी लक्ष्मी, पुत्री आंचल उम्र लगभग 21 वर्ष की हत्या का जब राजफास हुआ तो परिजनों सहित यहां उपस्थित हर लोग चौंक उठे। हत्यारा कोई और नहीं बल्कि आरके दास का नशेड़ी बेटा अमन 19 वर्ष ही निकला।
आरोपी को पकड़ने का किस्सा भी बड़ा रोचक रहा। हर कोई जानना चाहता था कि आखिर किसने मां-बेटी को इतनी निर्दयता से मार डाला। संवेदनशील और लोमहर्षक मामले की गुत्थी को सुलझाने में एक बार फिर बाघा की विशेष काबिलियत मददगार हुई। जरा सी गंध को महसूस कर आरोपी तक अपनी पहुंच बनाने में माहिर बाघा ने आरोपी के शातिराना चाल को भी नाकाम कर दिया।
छोड़ा कपड़ा और बाइक की सवारी ने खोला राज
दरअसल आरोपी का सुराग तलाशने में जुटी पुलिस ने स्निफर डॉग बाघा की मदद ली। ट्रेनर आरक्षक सुनील गुप्ता की मदद से बाघा को एक कपड़ा सुंघाया गया जिसमें हत्यारे ने अपने रक्त से सने हुए हाथों को साफ किया था। बाघा ने कपड़े से गंध महसूस की। इसके बाद परिजनों सहित अन्य कुछ लोगों की शिनाख्त के दौरान अमन के सामने आते ही बाघा उस पर झपट पड़ा जबकि दूसरे लोगों के लिए सामान्य रहा। इसके बाद बाघा घर के अंदर मौजूद मोटर सायकल पर जाकर उसे कुरेदने लगा। बकौल आरोपी वह सुबह 9 से 9:45 बजे के मध्य हत्या के बाद घर से बाहर अपनी बाइक क्र.-सीजी-12बीई-0732 से गया था। उसने बाइक में लगे खून के सबूत मिटाने के लिए बाइक को धुलवा लिया था। अमन ने खून के धब्बे धुलवा लिए और सोचा कि अब सारे सबूत नष्ट हो गए। फिर वह उसी बाइक में सवार होकर घर लौटा जिससे उसकी गंध बाइक पर रह गई। एयर सेंट पकडने की खास क्षमता वाले बाघा ने बाइक तक जाकर तस्दीक की और फिर बाइक को भी जप्त किया गया। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान घटनास्थल पर उपस्थित लोग भी बाघा की इस काबिलियत से आश्चर्यचकित रह गए और और उसकी भरपूर सराहना करने से भी नहीं चूके।
पहले भी दिखाया है कमाल
बता दें कि इससे पहले उरगा थाना क्षेत्र के ग्राम भैसमा में पिछले वर्ष अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री स्व. प्यारेलाल कंवर के पुत्र हरीश कंवर-पुत्रवधू एवं पोती की नृशंष हत्या की गुत्थी को भी बाघा ने अपने एयर सेंट महसूस करने की विशेष क्षमता से सुलझाने में मदद कर हत्यारों के भागने का रास्ता बताया था। इसी रास्ते पर बढ़कर आरोपी दबोचे गए थे। इस वर्ष मानिकपुर चौकी क्षेत्र अंतर्गत कुंआभट्ठा में जब एक मासूम की हत्या ईट मारकर कर दी गई तब भी बाघा ने ईंट पर आरोपी द्वारा छोड़े गए गंध को महसूस कर नाबालिक हत्यारे को पल भर में दबोच लिया था। बाघा ने अब तक तीन दर्जन मामलों की गुत्थियां सुलझाई है।