रेलवे की हठ धर्मिता से भड़का जनाक्रोश ,आज निर्णायक लड़ाई के लिए जुटेंगे नगरवासी

कोरबा । रेल प्रबंधन की हठधर्मिता से कोरबावासी परेशान हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सोमवार को कोरबा प्रवास पर आए और रेल अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल से मिलाने का वादा किया। 2 घंटे तक इंतजार के बाद भी बिना मिले चेयरमैन वापस लौट गए। रेल अधिकारियों ने मिलाया ही नहीं। इस तरह कोरबा को अपमानित करने वाले रेल प्रबंधन के विरुद्ध आक्रोश ने जन्म ले लिया है। कोरबा विकास समिति (रेल) ने रेलवे प्रबंधन के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई लड़ने का मन बनाया है।

इस लड़ाई की शुरुआत करने से पहले सबको आपस में बैठकर विचार- विमर्श करना आवश्यक मानते हुए मंगलवार 12 जुलाई को प्रेस क्लब तिलक भवन में शाम 5 बजे आवश्यक बैठक आहूत की है। नगरजनों की उपस्थिति व बहुमूल्य सुझाव के लिए कोरबा विकास समिति रेल ने अधिकाधिक उपस्थिति का आग्रह किया है।युवा कांग्रेस एवं जिला एनएसयूआई के संयुक्त तत्वाधान में रेलवे प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। जिले के दौरे पर आई रेलवे की सेंट्रल टीम का विरोध कर उन्हें बेशरम फूल का गुलदस्ता भेंट कर ज्ञापन सौंपा। यात्री परिचालन की मांग करते हुए जल्द से जल्द समस्या का निराकरण नहीं करने पर गंगाजल का छिड़काव एवं मालगाड़ियों का परिवहन रोकने की चेतावनी दी गई।
युवा कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष मधुसूदन दास, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष दीपक वर्मा सहित दीपक दास महंत, कमल किशोर चंद्रा, जय किशन पटेल, मितेश यादव, राजेन्द्र यादव, मंजीत सिंह ठाकुर, अनिल खूंटे, बंटी, बबलू मारवा, सोनू यादव, रामकुमार पटेल, कोमल रमानी, गिन्नी भार्गव आदि इस मौके पर उपस्थित थे।

ननकीराम रेल पटरी पर कुर्सी रखकर बैठ गए

कोरबा पहुंचे रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके त्रिपाठी ने स्थानीय लोगों को मुलाकात के लिए समय नहीं दिया। इससे नाराज पूर्व गृहमंत्री व विधायक ननकीराम की अगुवाई में रेलवे संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने पटरी पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। पुराना पवन टाकीज रेलवे क्रासिंग में पटरी के बीच कुर्सी लगाकर धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की। यहाँ कांग्रेस व भाजपा नेताओं सहित आमजन ने प्रदर्शन किया। रेल संघर्ष समिति के रामकिशन अग्रवाल ने कहा है कि बिलासपुर जोन के रेलवे अधिकारी चाहते ही नहीं थे कि रेल संघर्ष समिति से चेयरमैन की मुलाकात हो सके। यही वजह है कि कोरबा में समय निर्धारित नहीं किए और गेवरा रोड स्टेशन में मिलाने का झूठा आश्वासन दिया गया। रेलवे प्रबंधन के इस रवैय्ये से लोगों में नाराजगी है।