बीज निगम की रेडी टू ईट वितरण व्यवस्था पर उठे सवाल,बलरामपुर में बिचौलियों के पास पहुंचा बच्चों का 28 क्विंटल पूरक पोषण आहार ,मचा बवाल ,भड़के राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त विधायक बृहस्पत,बोले अधिकारियों फर्म की मिलीभगत , कलेक्टर से की जांच करवाई की मांग ,डीपीओ ने कराया एफआईआर

बलरामपुर।राज्य शासन वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को स्वस्थ एवं सुपोषित रखने कुपोषण दूर करने पोषण अभियान में सालाना 1800 करोड़ रुपए खर्च खर्च कर रही है ,लेकिन जमीनी स्तर पर परिणाम इसके उलट नजर आने लगे हैं । नौनिहालों ( बच्चों )गर्भवती,शिशुवती माताओं , किशोरी बालिकाओं को दिए जाने वाला “रेडी टू ईट” हितग्राहियों की जगह अवैध तरीके से बिचौलियों को खपाया जा रहा। जी हां प्रदेश के सरहदी जिले आदिवासी बाहुल्य बलरामपुर में कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। यहां के एक गांव में जागरूक युवाओं ने मीडिया कर्मियों के साथ 160 बोरी में भरे 28 क्विंटल रेडी टू ईट पकड़कर जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ)महिला एवं बाल विकास विभाग के सुपुर्द कर दिया। डीपीओ ने जहां इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाया है वहीं रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह ने मामले में विभाग के जिला अधिकारियों की फर्म के वितरणकर्ताओं के साथ मिलीभगत कर प्रतिमाह कम वितरण कर लाखों रुपए का घोटाला किया जा रहा है। उन्होंने पूरे प्रकरण की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

मामला जिला मुख्यालय से लगे हुए ग्राम पंचायत जतरो की हर्राडांड बस्ती का है, जहां अवैध रूप से भंडारित 160 बोरी (28 क्विंटल ) रेडी टू ईट को ग्रामीणों ने पकड़ कर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी सुपुर्द कर दिया। दरअसल गांव के चंद युवाओं को जानकारी मिली थी कि बस्ती के एक मकान में देर रात्रि “रेडी टू ईट” का भण्डारण किया गया है।
युवाओं ने कुछ मीडिया कर्मियों और ग्रामीणों को साथ लेकर मकान में प्रवेश किया तब वहां का नजारा देखकर सभी की आँखे फटी रह गई। यहां कुछ मजदूर “रेडी टू ईट” के पैकेट्स को फाड़ कर बोरों में भर रहे थे। कमरे में रेडी टू ईट का पूरा ढेर लगा हुआ था। मजदूरों से पूछताछ में पता चला कि किराने का व्यवसाय करने वाले कन्हाई गुप्ता नामक व्यवसायी द्वारा रेडी टू ईट के इन बोरों को यहां डंप करवाया गया है। इसके बाद कन्हाई गुप्ता को बुलाकर पूछा गया तब उसने स्वीकार किया कि यह स्टॉक उसने उतरवाया है।ग्रामीणों ने बाद में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में रेडी टू ईट का स्टॉक महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी जे आर प्रधान के सुपुर्द कर दिया। इस मामले के संबंध में प्रखर समाचार से
बातचीत में जे आर प्रधान ने बताया कि उनके जिले में अप्रैल के महीने से रेडी टू ईट का निर्माण और सप्लाई का काम बीज निगम द्वारा ही किया जा रहा है। मौके पर पूछताछ में पता चला कि बलरामपुर जिले में रेडी टू ईट की वितरण व्यवस्था देखने वाले शंकर पासी ने कन्हाई को बोलकर रेडी टू ईट का यह स्टॉक यहां उतरवाया है। इससे साफ़ जाहिर है कि बीज निगम के स्टाफ शंकर पासी से मिलीभगत करके ही यहां रेडी टू ईट की अफरा-तफरी की जा रही है।

मचा बवाल उठे सवाल तो बलरामपुर थाने में दर्ज करवाया एफआईआर

इस भंडाफोड़ घटना के बाद विभाग की कार्यशैली पर उठ रहे सवालों से महिला एवं बाल विकास विभाग में हड़कम्प मच गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी जे आर प्रधान ने बताया कि स्टॉक का पंचनामा बनाया। मौके पर 160 बोरों में 28 क्विंटल 80 किलो रेडी टू ईट का स्टॉक मिला, जिनके पैकेट्स को फाड़कर बोरों में भरा जा चुका था। पंचनामा पुलिस के सुपुर्द करने के बाद बलरामपुर थाने में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है, और फ़िलहाल पुलिस इस मामले की जांच करके दोषियों का पता लगाएगी।

तो क्या पुनः रेडी टू ईट खपाए जाने का चल रहा खेल !

बीज निगम की रेडी टू ईट की वितरण व्यवस्था की पोल खुलने के साथ ही अब सवाल यह भी उठता है कि एक अदना सा गल्ला व्यवसायी इतना स्टॉक कहां खपाएगा। आपको बता दें कि रेडी टू ईट एक तरह से “पंजीरी” होता है। जिसे 6 वर्ष तक के बच्चों, किशोरियों और गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार के रूप में खिलाया जाता है। इस खाद्य पदार्थ की दुकानों में बिक्री संभव नहीं है। यही वजह है कि लोग आशंका जता रहे हैं कि रेडी टू ईट का पैकेट फाड़कर खाली किया गया यह स्टॉक कहीं वापस रेडी टू ईट के निर्माण स्थल में तो नहीं पहुंचा दिया जाता। बता दें छत्तीसगढ़ में छ.ग.राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड(छत्तीसगढ़ शासन का उपक्रम)आपूर्तिकर्ता तो छत्तीसगढ़ एग्रो फूड कार्पोरेशन लिमिटेड (छ.ग.राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड का संयुक्त उपक्रम)उत्पादनकर्ता फर्म है । रायगढ़ जिले के चक्रधर नगर स्थित ऑटोमोटिव मशीन स्वचलित प्लांट से रेडी टू ईट तैयार कर विभिन्न जिलों में आपूर्ति की जाती है।जहां से इसे आंगनबाड़ी केंद्रों में पहुंचाया जाता है। इस घटना ने इस बात की आशंका और बढ़ा दी है कि इसी तरह रेडी टू ईट का स्टॉक अफरा-तफरी करके निर्माण स्थल पहुंचा दिया जाता है और फिर वहां से इसे फिर से पैकेजिंग करके केंद्रों में भिजवाया जा रहा।

विधायक बृहष्पत बोले अधिकारियों एवं फर्म की मिलीभगत ,कलेक्टर से की जांच,कार्रवाई की मांग

आधी रात मचे बवाल के बाद राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त रामानुजगंज के कद्दावर विधायक बृहस्पत सिंह भी बेहद नाराज हैं। उन्होंने कलेक्टर को पत्र लिखकर रेडी टू ईट की हेराफेरी ,चोरी की जांच कर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्रवाई करने की मांग की है। जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि बलरामपुर के ग्राम जतारो में एक गरीब परिवार के मकान में अवैध तरीके से रेडी टू ईट जो आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले 6 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार के रूप में दी जाती है। उसे महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों एवं रेडी टू ईट वितरणकर्ताओं की मिलीभगत से लगातार कम मात्रा में वितरण कर फर्म को अधिक भुगतान कई महीनों से की जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित निचले स्तर के कर्मचारियों को धमकाकर फर्जी तरीके से सम्पूर्ण पूरक आहार रेडी टू ईट बांटने का प्रमाणपत्र लेकर विभाग के मिलीभगत से प्रतिमाह लाखों का घोटाला किया जा रहा है।विधायक श्री बृहस्पत ने शिकायत की प्रतिलिपि मुख्य सचिव ,प्रमुख सचिव संचालक ,एवं एसपी को दी है।

तो क्या अन्य जिलों में भी है यही हाल !वीडियोग्राफी , विशेष निगरानी दल बनाकर स्टॉक सत्यापन की जरूरत

बलरामपुर के इस गम्भीर प्रकरण ने राज्य शासन के उन दावों पर प्रह्नचिन्ह लगा दिया गया है जिसमें स्वचलित मशीनों से गुणवत्तापूर्ण पारदर्शितापूर्ण रेडी टू ईट प्रदाय किए जाने का दावा किया गया था।यहां पर फिलहाल गुणवत्ता पर तो प्रश्नचिन्ह नहीं लगे हैं पर पारदर्शिता की पोल खुल गई। पूरे प्रदेश में इस घटना के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यशैली एवं बीज निगम के फर्म की कार्यप्रणाली चर्चे में है। सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या इसी तरह का खेल समीपस्थ जिलों जशपुर ,सरगुजा ,रायगढ़ ,कोरबा ,कोरिया ,सूरजपुर , जांजगीर चाम्पा ,गौरेला पेंड्रा मरवाही ,बिलासपुर ,मुंगेली सहित अन्य जिलों में तो नहीं खेला जा रहा। सवाल लाजिमी है जिसका जवाब आने वाले समय में शायद लोगों को जरूर मिलेगा। रायगढ़ ,कोरबा ,जशपुर जैसे जिलों में हितग्राहियों तक समय पर रेडी टू ईट नहीं पहुंचने का मामला हाल ही में प्रकाश में आ चुका है। ऐसे में इस बात की संभावना और बलवती होती जा रही है। वैसे भी जब से बीज निगम के फर्म को रेडी टू ईट उत्पादन आपूर्ति की जिम्मेदारी मिली है तब से डीपीओ ,सीडीपीओ ने केंद्रों की मॉनिटरिंग बेहद कम कर दी है। जिससे शिकायतें सामने आने लगी हैं शासन को चाहिए कि इस प्रकरण की जांच दोषियों पर कार्रवाई के साथ केंद्रों में आपूर्ति की वीडियोग्राफी कराई जाए,एवं विशेष निगरानी दल बनाकर वितरण व्यवस्था एवं स्टॉक का भौतिक सत्यापन कराई जाए।

वर्जन

एफआईआर दर्ज करा दिए हैं ,दोषियों पर होगी कार्रवाई

प्रकरण में जब्त स्टॉक का पंचनामा बनाने के बाद थाना में एफआईआर दर्ज करा दी है । चूंकि बीज निगम एवं आपूर्तिकर्ता फर्म एग्री फ़ूड कार्पोरेशन राज्य शासन का उपक्रम है लिहाजा कार्रवाई शासन स्तर से की जाती है। प्रकरण में जांच उपरांत दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

जे आर प्रधान ,जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग