कोरबा । महाराणा प्रताप चौक बुधवारी स्थित आदिवासी शक्तिपीठ में दान दी गई भूमि पर राज्य सभा सांसद मद से 10 लाख रुपए की लागत से बनाए गए सामुदायिक भवन को तोड़कर दुकान बनाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद की कार्यवाहक जिलाध्यक्ष श्रीमती जे बी करपे के नेतृत्व में कलेक्टर से इसकी शिकायत की गई है।

जिलाध्यक्ष श्रीमती जे बी करपे ने कलेक्टर संजीव झा को ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया कि सांसद मद राज्यसभा से 2014 -15 में सामुदायिक भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति दी गई थी। परंतु निर्माण कार्य विज्ञापन क्र.शर्ते पर लागू शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार नहीं किया गया है। निर्माण कार्य शासकीय भूमि एवं भूमि दान पर बनना था।

धार्मिक पूजा स्थल धार्मिक आस्था समाज समूह द्वारा अधिकृत भूमि के अंतर्गत कार्य नहीं किया जाना था। लेकिन आदिवासी सांस्कृतिक सेवा केन्द्र शक्ति पीठ बुधवारी बाजार बूढ़ादेव स्थल में पूजा पाठ सामाजिक कार्यक्रम बैठक होता है। सांसद मद विज्ञापन क्र.शर्ते पर नियम विरुद्ध कार्य करते हुए भवन बनाकर फिर उसे बलपूर्वक तोड़कर दुकान बना लिया गया है। सामुदायिक भवन आम जनता के हित के लिए बना था। वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। आदिवासी विकास परिषद भूमि पर बैठक कर निर्णय लिया गया था कि पूजा पाठ एवं आदिवासी सांस्कृतिक कार्यक्रम को लेकर समिति गठन कराया गया था, जिसका नाम सांस्कृतिक सेवा केंद्र शक्तिपीठ स्थान का नाम दिया गया था जो सामूहिक सार्वजनिक बैठक कर निर्णय लिया गया था और अगर शक्तिपीठ के नाम से कोई भी अन्य संस्था पंजीकृत किया गया है तो नियम विरुद्ध है। लेकिन न्यायालय में प्रकरण दर्ज कर शक्तिपीठ के नाम पर दर्ज कराने का आवेदन लगाया गया है। इस विषय की जानकारी छुपाई गई है। कुछ लोगों के द्वारा बैठक कर निर्णय लेते हुए सांसद मद से बना भवन को तोड़कर दुकान बनाए गए हैं और अपने नाम से बैठक कर दुकान संचालित किए हैं। उन सभी के विरुद्ध उचित कार्रवाई किया जाए और आम जनता के हित के लिए भवन उपलब्ध कराया जाए।
