कोरबा में डीएमएफ का हुआ है दुरूपयोग ,गाइडलाइंस के विपरीत उपयोग किया गया फंड ,कार्यशाला में सोशल ऑडिट की उठी मांग

कोरबा । जिले में जिला खनिज न्यास के सोशल ऑडिट पर परिचर्चा का आयोजन हुआ। इसका आयोजन एनवायरनिक्स सार्थक और मीरा ग्रुप द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

परिचर्चा में डीएमएफ के सोशल ऑडिट की आवश्यकता और महत्त्व पर चर्चा की गई। कार्यशाला में झारखंड हाईकोर्ट की अधिवक्ता सोनल तिवारी, दिल्ली से प्रेम जी, कोरिया से चंद्रकांत, रायगढ़ से राजेश गुप्ता, ऊर्जा धानी भू-विस्थापित संघ के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप सहित सुरेंद्र राठौर, सचिव ब्रजेश श्रीवास, अजय श्रीवास्तव, सूर्यकांत सौलखे तथा कोरबा, रायगढ़ एवं कोरिया जिले के कोयला खदान क्षेत्र के प्रभावित लोगों ने भागीदारी की और अपनी बात रखी।इस संदर्भ में सार्थक के सचिव लक्ष्मी चौहान ने बताया कि परिचर्चा का मुख्य उद्देश्य जिला खनिज सन्स्थान न्यास (डीएमएफटी) के उपयोग को लेकर बनाए गए नियमों की जानकारी देना और चर्चा करना था। परिचर्चा में आए लोगों ने बताया कि डीएमएफ का उपयोग उचित स्तर पर नहीं हो रहा है। फंड के उपयोग के लिए जो गाइडलाइन बनाई गई है, इसके विपरीत इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए डीएमएफ का सोशल ऑडिट होना चाहिए।श्री चौहान ने बताया कि सार्थक संस्था द्वारा सर्वे कराया गया गया था। इसमें पाया गया कि छत्तीसगढ़ में डीएमएफ का बहुत गलत तरीके से उपयोग किया जा रहा है।

डीएमएफ के पैसों से पार्किंग प्लेस और बड़े -बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर खड़े किए जा रहे , खदान प्रभावित क्षेत्रों में नियमानुसार फंड का उपयोग नहीं हो रहा

डीएमएफ के पैसों से पार्किंग प्लेस और बड़े -बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर खड़े किए जा रहे हैं। खदान प्रभावित क्षेत्रों में नियमानुसार फंड का उपयोग नहीं हो रहा है। ग्राम सभाओं की सहमति भी नहीं ली जा रही है।परिचर्चा के दौरान में एक कमेटी के गठन का निर्णय लिया गया। कमेटी छत्तीसगढ़ के जिलों का दौरा कर डीएमएफ के उपयोग की जानकारी एकत्र करेगी।