महिला आयोग तक पहुंचा टीआई से दुष्कर्म का मामला ,पीड़िता सही या टीआई , कार्यवाही पर टिकी निगाहें

कोरबा । जिले में एक महिला अधिवक्ता के द्वारा निरीक्षक राजीव श्रीवास्तव पर लगाए गए काफी गंभीर और सनसनीखेज आरोप को लेकर चौतरफा चर्चा का माहौल गर्म है। पहले शिकायत करने और फिर बहकावे में आकर शिकायत करना बताकर कार्यवाही नहीं चाहने और इसके बाद फिर से एक महिला अधिवक्ता सहित अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं उनके पुत्र तथा एक पत्रकार व एक हवलदार, नोटरी एवं अधिवक्ता संघ के दो पदाधिकारी का नाम लेते हुए पुलिस अधीक्षक के समक्ष फिर से शिकायत को जिंदा कर दिया गया है। समझौते में निपटते-निपटते अब यह मामला ऊर्जाधानी से लेकर राजधानी तक तूल पकड़ चुका है। महिला आयोग से भी उसके टोल फ्री नंबर पर शिकायत कर दी गई है।

अब इस बात की संभावना बढ़ गई है कि देर-सबेर बड़ी कार्यवाही हो सकती है।
बता दें कि पूर्व की पहली शिकायत में निरीक्षक द्वारा महिला अधिवक्ता जो कि दिव्यांग भी है, ने बकायदा कीर्तन मंडली के 5 लोगों का नाम भी उल्लेखित किया है जिन्होंने पीड़िता को उसके घर के पास निरीक्षक द्वारा कार से छोड़ते हुए देखा था। पीड़िता की मानें तो उसके साथ गलत काम हुआ और शिकायत पर दबाव बनाया गया जिससे उसने शिकायत वापस ले लिया लेकिन उसे एकाएक फिर लगा कि बहला-फुसलाकर एवं धोखा देकर सहमति पत्र एवं आवेदन पर हस्ताक्षर करा लिया गया है। कोरे कागज पर हस्ताक्षर में महिला अधिवक्ता की भूमिका बताई गई है और इसी अधिवक्ता ने उसे आईटीआई के पास एक होटल में पहुंचाया और इसके बाद होटल टॉप इन टाऊन के पास चाय पीने के बहाने समझौते का खेल कराया गया। पीड़िता ने शिकायत वापस लेने के लिए किसी भी दफ्तर में नहीं जाने की बात कही है तो मामला और भी गंभीर हो जाता है।
जनचर्चा है कि आग लगी है तभी धुआं उठा है। अब यह जांच का विषय है कि आग किसने,कैसे और क्यों लगाई और धुंआ क्यों उठा? बुझती-बुझती आग एक बार फिर सुलग पड़ी है जो रहस्यपूर्ण भी है। इस आग में कितने लोग झुलसेंगे यह भी निष्पक्ष जांच के बाद ही तय होगा। सुगबुगाहट इस बात की भी है कि कहीं ना कहीं कोई पर्दे के पीछे से साजिश का शिकार हो रहा है। अब इस पूरे मामले में पीड़िता के द्वारा बताए गए गवाहों की भूमिका, उसके साथ जिस क्षेत्र में दुष्कर्म को अंजाम दिया गया वहां की तकनीकी जानकारी से लेकर उन सभी लोगों पर जांच का दायरा बढ़ गया है जिन पर पीड़िता ने अति गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि कुछ और तरह की बातें सामने आ रही हंै जिनका जिक्र समाचार में करना गैरजरूरी है लेकिन अब फिर से शिकायत किए जाने से पुलिस के आला अधिकारी भी गंभीरता दिखा रहे हैं। महिला आयोग को इस मामले में शिकायत प्रेषित कर दी गई है जिसके बाद कोई कड़ा रुख अपनाए जाने की सुगबुगाहट होने लगी है। वैसे इस पूरे मामले की नीर क्षीर विवेचना होना अत्यंत जरूरी हो चला है।

सभी शिकायतों की हो निष्पक्ष जांच

जिला अधिवक्ता संघ के सचिव नूतन सिंह ठाकुर ने कहा है कि महिला अधिवक्ता द्वारा लगाए गए आरोप काफी गंभीर हैं। पहले शिकायत की गई और फिर उसे वापस ले लिया गया लेकिन शिकायत वापस लेने/कोई कार्यवाही नहीं चाहने संबंधी पत्र लिखने के बाद फिर से जिस तरह से वरिष्ठ अधिवक्ताओं और संघ के कुछ पदाधिकारियों के नाम से गंभीरतम आरोप लगाए गए हैं, उसे लेकर संघ गंभीर है। इस मामले में अधिवक्ता संघ के द्वारा मांग की जा रही है कि पुलिस के अधिकारी महिला अधिवक्ता द्वारा की गई शिकायतों की पूरी निष्पक्षता से और गहन जांच करें तथा जो भी दोषी पाया जाए उसके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। इस मामले में अधिवक्ता संघ की भी बैठक गुरुवार को होने की संभावना है जिसमें कुछ निर्णय लिए जा सकते हैं। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सदस्य अधिवक्ताओं में भी नाराजगी व्याप्त है और वे भी चाहते हैं कि इस तरह के मामले की पुनरावृत्ति न हो।