आदिवासी विकास विभाग में कलेक्टर दर पर कार्यरत 170 कर्मचारियों का वेतन निर्धारण करने अवर सचिव का कलेक्टर के नाम जारी पत्र निकला फर्जी , आकस्मिक निधि कार्यभारित स्थापना में समायोजित कर वेतन निर्धारण की कार्रवाई करने जारी हुआ था पत्र

उप सचिव ने एफआईआर दर्ज कराने दिए निर्देश

कोरबा । प्रदेश में फर्जी हस्ताक्षर लेटर से अब मंत्रालय भी अछूता नहीं रहा। आदिवासी विकास विभाग के अधीन कलेक्टर दर पर कार्यरत 170 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का वेतन निर्धारण के मामले में आवश्यक कार्रवाई करने अवर सचिव का कोरबा कलेक्टर के नाम जारी पत्र फर्जी निकला । कलेक्टर की सूझबूझ से जहां प्रशासन इस बड़ी धोखाधड़ी का शिकार होने से बच गया वहीं अवर सचिव के हस्ताक्षर से फर्जी पत्र जारी करने की घटना ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं।

विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के अवर सचिव के नाम व हस्ताक्षर से फर्जी पत्र जारी हुआ है। प्रेषित इस पत्र की कलेक्टर संजीव झा ने जब आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त माया वॉरियर से पुष्टि कराई तो पत्र फर्जी निकला। अवर सचिव सरोजनी टोप्पो के नाम से हस्ताक्षरित यह पत्र कोरबा कलेक्टर के नाम जारी हुआ था। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के वेतन निर्धारण करने के संबंध में कार्यभारित आकस्मिक निधि अंतर्गत नियमित वेतनमान को आकस्मिक स्थापना पद के विरुद्ध वेतनमान निर्धारण करने के संबंध में अनुमति/सहमति चाही गई। मजदूरी दर के वेतन निर्धारण संबंधी इस पत्र के अनुसार सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, कोरबा के अधीन कलेक्टर दर पर कार्यरत 170 कर्मचारियों का आकस्मिक निधि कार्यभारित स्थापना में समायोजित कर वेतन निर्धारण की कार्यवाही करते हुए आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग मंत्रालय को अवगत कराने कोरबा कलेक्टर को निर्देशित किया गया था। उक्त पत्र की पुष्टि करने के लिए कलेक्टर द्वारा विभागीय मंत्रालय को पत्र लिखा गया। मंत्रालय के उप सचिव एमरेंसिया खेस्स के द्वारा कलेक्टर को अवगत कराया गया कि उक्त पत्र में अवर सचिव के अंकित हस्ताक्षर फर्जी हैं तथा इस विभाग द्वारा जारी नहीं हुआ है। अत: फर्जी पत्रों के संबंध में किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं करें।साथ ही पुलिस थाना कोरबा में एफआईआर दर्ज कर अवगत करावें।