रामनवमीं अक्षय तृतीया पर रहेगी प्रशासन की नजर ,बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता-पिता के साथ पंडित भी खाएंगे हवालात की हवा ,रायगढ़ कलेक्टर ने जागरूकता एवं निगरानी के लिए सौंपे दायित्व,की अपील

रायगढ़। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध है। इसकी रोकथाम के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा, तभी समाज इस बीमारी से मुक्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि समाज में व्याप्त इस बुराई को पूर्णत: रोकथाम हेतु जनप्रतिनिधियों, नगरीय निकायों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, जिला प्रशासन एवं संबंधित सभी विभागों के बीच प्रभावी समन्वय, समाज के सभी मुखियाओं के सहयोग, व्यापक प्रचार-प्रसार व मुनादी कराते हुए आमजनों से सहयोग प्राप्त करते हुए इस प्रथा के उन्मूलन हेतु कारगर कार्यवाही करें।

    बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे संबंधी, बाराती यहां तक की विवाह कराने वाले पूरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। इसके अतिरिक्त यदि वर या कन्या बाल विवाह पश्चात विवाह को स्वीकार नहीं  करते है तो बालिग होने के पश्चात विवाह को शून्य घोषित करने हेतु आवेदन कर सकते है। बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु मृत्य दर एवं मातृ मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है एवं बाल विवाह बालको के सर्वोत्तम हित में नहीं है अतएव जिले में इसकी रोकथाम किया जाना आवश्यक है। 
      छत्तीसगढ़ में मुख्यत: रामनवमी एवं अक्षय तृतीया पर बड़ी संख्या में विवाह होते है। इन अवसरों पर बाल विवाह भी हो सकते है। अतएव पूर्व से ही ग्राम पंचायतवार होने वाले विवाहों की समीक्षा ग्राम स्तरीय/खण्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति के माध्यम से की जाए एवं बाल विवाह होने के संबंध में जानकारी प्राप्त होने पर विवाह रोकने हेतु समझाईश देते हुए नहीं मानने पर कानूनी कार्यवाही करें। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बाल विवाह रोकथाम हेतु मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना की जानकारी व लाभ ग्रामीणों तक पहुंचाये ताकि बाल विवाह की रोकथाम की जा सके। बाल विवाह रोकथाम में किशोरी बालिकाएं एवं किशोरी बालिका समूहों की मुख्य भागीदारी हो सकती है। अतएव इनका सहयोग बाल विवाह रोकथाम हेतु अनिवार्यत: ले। प्रत्येक जिले में महिला स्व-सहायता समूह गठित है। इन समूह को भी बाल विवाह रोकथाम में महत्वपूर्ण दायित्व सौंपे। आगामी 30 मार्च 2023 रामनवमी एवं 22 अप्रैल 2023 अक्षय तृतीया में बाल विवाह की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन सजग रहते हुए बाल विवाह रोकथाम हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।