हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। सहायक शिक्षकों की पदोन्नति मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। हाईकोर्ट ने
शिक्षकों की पदोन्नति मामले में लगा स्टे खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कोरबा कलेक्टर के आदेश को सही मानते हुए काउंसिलिंग के माध्यम से प्रमोशन के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के इस आदेश के बाद कोरबा जिले में 1145 शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है।
यहां बताना होगा कि शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक एलबी ई /टी संवर्ग के शिक्षकों को प्रधानपाठक प्राथमिक शाला के रिक्त 1145 पदों पर 14 अक्टूबर से पदोन्नति दी जा रही थी । जिसमें पदोन्नति नियमों को हाशिए पर रखकर संयुक्त पदोन्नति सूची जारी करने की जगह डीईओ कार्यालय बुलाकर हाथों में एकल आदेश थमाया जा रहा था । दिव्यांग ,गर्भवती महिला अभ्यर्थियों को भी पद रिक्त होने के बावजूद दूर दराज के स्कूलों में पदस्थ किया जा रहा है ताकि भेंट पूजा देने वाले शिक्षकों को वहां पदस्थ किया जा सके। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष के पी उपाध्याय के नेतृत्व में 19 अक्टूबर को कलेक्टोरेट पहुंचे दिव्यांग ,गर्भवती सहित अन्य महिला एवं पुरुष वर्ग के शिक्षकों ने पदोन्नति प्रक्रिया में की जा रही नियमों की अनदेखी एवं लेनदेन की शिकायत कर महकमे में खलबली मचा दी थी । संघ के जिलाध्यक्ष जे पी उपाध्याय ने बताया था कि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि पदोन्नति प्रक्रिया में महिलाओं ,दिव्यांगों सहित जिन संस्थाओं में वरिष्ठ पदस्थ हैं उन्हें उन्हीं संस्था में पदोन्नति दी जाए। लेकिन इसकी अवहेलना कर पद रिक्त रहते हुए भी महिलाओं ,दिव्यांगों वरिष्ठ शिक्षकों को पद रिक्त रहने के बावजूद अन्यत्र स्थानान्तरण किया जा रहा है।बिना काउंसलिंग किए निजी स्वार्थ के लिए एकल आदेश जारी किया गया। उन्होंने बताया था कि कलेक्टर को उन्होंने ज्ञापन सौंपकर तत्काल पदोन्नति आदेश निरस्त कर काउंसलिंग के माध्यम से पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी कराए जाने की मांग की है । अन्यथा संघ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा। ज्ञापन सौंपने के बाद शिक्षकों ने डीईओ कार्यालय जाकर भी नाराजगी जताई थी। जिसको लेकर हसदेव एक्सप्रेस ने प्रमुखता से खबर प्रकाशन कर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। पीड़ित शिक्षकों की शिकायत एवं हसदेव एक्सप्रेस के खबर प्रकाशन के बाद कलेक्टर संजीव झा ने प्रकरण को तत्काल संज्ञान में लिया। उन्होंने पदोन्नति प्रक्रिया उसी दिन देर शाम तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी थी। 20 अक्टूबर को शिक्षक संघ की मांग पर नियमानुसार काउंसलिंग के लिए पदोन्नति हेतु संयुक्त कलेक्टर शिव बैनर्जी की अध्यक्षता में 5 सदस्ययीय टीम गठित कर दी थी।इनमें जिला शिक्षा अधिकारी जी पी भारद्वाज सदस्य सचिव ,जिला मिशन समन्वयक संजय सिंह,एपीसी काजी रूकशार हुसैन सदस्य एवं ईडीएम चिप्स सुश्री शिखा राजपूत तकनीकी सदस्य के तौर पर शामिल की गई हैं। कमेटी में सदस्य काजी रूकशार हुसैन को शामिल किए जाने पर शिक्षक संघ के तमाम व्हाट्सप ग्रुप एवं अन्य सोशल प्लेटफार्म पर तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त थी । काजी रूकशार हुसैन 19 अक्टूबर को कलेक्टर श्री झा द्वारा निरस्त की गई सहायक शिक्षकों की प्रधानपाठक प्राथमिक शाला के पदोन्नत्ति पदस्थापना प्रक्रिया में भी शामिल थे। जिसमें वित्तीय लेनदेन के गम्भीर आरोप पीड़ित गर्भवती दिव्यांग महिलाओं ने अप्रत्यक्ष तौर पर लगाए थे। ऐसे में पारदर्शितापूर्ण निर्विवाद तरीके से काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी कराने पांचवे सदस्य को तत्काल कमेटी से हटाया जाना शिक्षकों के हित मे न्यायोचित था । जिसे लेकर हसदेव एक्सप्रेस ने 20 अक्टूबर को प्रमुखता से खबर प्रकाशन कर जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। जिसे कलेक्टर संजीव झा ने गंभीरता से लिया। उन्होंने तत्काल डीईओ को पांचवे सदस्य को हटाने का आदेश दिया था। कलेक्टर के अनुमोदन पश्चात डीईओ ने एपीसी काजी रूकशार हुसैन को सहायक शिक्षकों के प्रधानपाठक के पद पर दी जा रही पदोन्नति /पदस्थापना काउंसलिंग कमेटी में सदस्य के पद से हटा दिया। उनकी जगह स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय पम्पहाउस के प्राचार्य विवेक लांडे सदस्य के तौर पर शामिल किए गए थे ।
पीड़ित महिला शिक्षकों ने लगाए थे मनचाहा स्थान में पोस्टिंग के लिए चढ़ावा का आरोप

दिव्यांग सहायक शिक्षक सेतो बाई ढिल्लो का प्राथमिक शाला मानपुर विकासखंड पोंडी उपरोड़ा से 22 किलोमीटर प्राथमिक शाला डुग्गुपारा कर दिया गया था । सहायक शिक्षक मधु गुप्ता गर्भवती थीं ,वे जल्द मातृत्व अवकाश में जाने वाली थीं । लेकिन उनका प्राथमिक शाला दर्रीखार विकासखंड कटघोरा से नवीन प्राथमिक शाला नवापारा कर दिया गया था जबकि वहां नजदीक में ही भदरापारा एवं फर्टिलाइजर में पद रिक्त थे। भदरापारा में पद रिक्त होने के बावजूद दूसरे संकुल स्याहीमुड़ी के शिक्षक की पदस्थापना कर दी गई थी ।
ऐसी अंधेरगर्दी ,वरिष्ठ का अन्यत्र पोस्टिंग कर कनिष्ठ को बना दिया गया था प्रधानपाठक
इसी तरह प्राथमिक शाला बेलटिकरी झाबर में पदस्थ सहायक शिक्षक श्रीमती सुकृता श्याम श्याम का नियम विरुद्ध दूसरे ब्लाक पोंड़ी उपरोड़ा तबादला कर दिया गया था एवं कनिष्ठ को प्रधानपाठक बना दिया गया था । जबकि श्रीमती सुकृता 1998 बैच की हैं व उनसे कनिष्ठ शिक्षक प्रतिमा शुक्ला 2005 बैच की हैं। इस आदेश से सुकृता बेहद तनाव में थीं। यही नहीं प्राथमिक शाला बिंझरा से भी कमोबेश यही शिकायत सामने आई थी। वहां भी प्रधानपाठक के रहते हुए भी वहीं की शिक्षिका की प्रधानपाठक के पद पर पदोन्नति कर दी गई है। प्राथमिक शाला चारपारा विकासखंड करतला में 2014 से प्रभारी प्रधानपाठक का दायित्व संभाल रहीं शिक्षिका अनुसूईया साहू का जब पदोन्नति की बारी आई तो उन्हें नियम विरुद्ध कटघोरा ब्लाक के प्राथमिक शाला चुरैल में पदस्थ कर दिया गया था।
शिक्षकों ने दायर की थी याचिका
काउंसलिंग से पहले नवंबर माह के पहले पखवाड़े में ही शिक्षकों ने कलेक्टर के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसमें बताया गया था कि पदोन्नति व पदस्थापना की प्रक्रिया को निरस्त करने का अधिकार कलेक्टर को नही है। जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट में जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने पदोन्नति प्रक्रिया पर स्टे दे दिया था। मामले की सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।