रायपुर। भाजपा RTI प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ विजय शंकर मिश्रा ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी ) में सड़कों पर पैचवर्क के नाम पर बड़ा घोटाला किया गया है। विभाग में हुई गड़बड़ी की जांच में वित्तीय अनियमितता साबित होने के बावजूद दोषी अधिकारी को संरक्षण दिए जाने की बात भी कही जा रही है।
भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में RTI प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ विजय शंकर मिश्रा ने आरोप लगाया कि राज्य की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने पिछले सवा 4 साल में अधोसंरचना निर्माण और विकास का कोई कार्य नहीं किया है। दुर्भाग्य यह है कि भाजपा शासनकाल में हुए विकास कार्याें का मेन्टेन्स भी नहीं कर पाए। लोक निर्माण विभाग की सड़क की बात करें, तो जो सड़के बनी उसका उचित मैनटेनेंस नहीं हुआ, मैनटेनेंस के लिए विभागों को दी गई राशि भी वापस मांग ली गई, इसका परिणाम यह हुआ कि राज्य की सड़कों में बड़े बड़े गड्ढे हो गए। यह हालत शहरों में भी देखने को मिल रहा है।
गड्ढे भरने का आदेश मिला और शुरू हुआ…
डॉ विजय शंकर मिश्रा ने बताया कि जब सड़कों में बड़े बड़े गड्ढों की तस्वीर मीडिया की सुर्खियां बनीं, तब राज्य सरकार ने सड़कों का पैच वर्क करने का निर्णय लिया। खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को “भेंट मुलाकात” के दौरान शिकायतें सड़कों के गड्ढों को लेकर मिलीं। मुख्यमंत्री ने दिसम्बर 2022 तक सड़कों के गड्ढे भरने का निर्देश दिया। बस इसके बाद ही अनियमियता की शुरुआत हुई। बिना काम के ही जनता का पैसा हजम करने की होड़ सी मच गई।
राजमार्ग में इस तरह हुई गड़बड़ी
डॉ मिश्रा ने खुलासा किया कि लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आने वाले (राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग) के 1 करोड़ 30 लाख 60 हजार रुपए को अफसरों ने मिलीभगत कर हजम कर लिया। उन्होंने बताया कि जब विभाग में पैचवर्क काम को लेकर सूचना के अधिकार में आवेदन लगाया गया, तब अफसरों के कान खड़े हुए और आनन फानन में पैचवर्क का काम शुरू हुआ। मगर यहां भी चोरी पकड़ी गई, जब प्लेन सड़क पर डामर चढ़ा दिया गया और दूसरे दिन डामर बह गया। इस तरह खुलेआम जनता के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है।
डॉ मिश्रा ने दो सड़कों की जानकारी देते हुए, अन्य सड़कों और पूरे राज्य में हुए पेंचवर्क कार्य पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजधानी रायपुर में जो पैचवर्क का काम हुआ है, उससे सड़क चलने लायक नहीं रह गईं हैं, पूरी सड़क अनबैलेंस हो गई है।
जहां गड्ढे नहीं वहां भी पैचवर्क दिखाया
डॉ मिश्रा ने बताया कि लोक निर्माण विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जो सड़क पूरी तरह से ठीक थी और जिसमें गड्ढे नहीं थे, उस सड़क पर भी पैच रिपेयरिंग के नाम पर करोड़ों रुपये कार्यपालन अभियंताओं को दिए गए, जबकि उस सड़क पर किसी प्रकार का कार्य ही नहीं था। रोड में पैचवर्क का कार्य कागज दिखाकर ठेकेदार से बिल लेकर आपस में ही पैसे को बांट लिया गया।
चिकनी सड़क पर बह गया डामर
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 बी नरदहा मोड़ से भैंसा मार्ग का टेंडर किया गया, जबकि वह पूरी तरह ठीक है। सूचना का अधिकार लगने के बाद जीरो पॉइंट से 33 किलोमीटर में जबरदस्ती अच्छी सड़क का पैचवर्क किया गया, यहां पैचवर्क फेलने लगा। गुरुवार- शुक्रवार 3 फरवरी 2023 तथा 4 फरवरी 2023 की रात को ही यह कार्य किया गया था। सड़क की सतह चिकनी होने के कारण डामर स्लिप हो गया है। बंगोली के 2 किलोमीटर आगे अभी भी काम चल रहा है जो भैंसा के पास है।
दोषी ईई को “माफ” करके बना दिया सीई
भाजपा सूचना प्रकोष्ठ ने दस्तावेजों के माध्यम से इस बात का खुलासा भी किया कि किस तरह PWD में भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दिया जा रहा है। डॉ मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2006 में महालेखाकार के ऑडिट रिपोर्ट में तत्कालीन कार्यपालन अभियंता एन के जयंत के विरुद्ध ठेकेदार को अतिरिक्त स्टील एडवांस दिए जाने का आरोपी पाया गया।जिसके बाद तत्कालीन PWD मंत्री राजेश मूणत द्वारा कार्यपालन अभियंता के ऊपर 5 वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव तथा उन्हें डिमोशन करने का आदेश दिया गया।
कांग्रेस सरकार की ऐसी मेहरबानी कि जहां ईई रहते की गड़बड़ी वहीं सीई के पद पर किया पदस्थ
RTI से निकले गए दस्तावेज से पता चलता है कि कांग्रेस की सरकार आते ही प्रकरण कि नस्ती 21 जनवरी 2021 को विभागीय मंत्री को प्रस्तुत की जाती है। इस प्रकरण में एन के जयंत को दोषी माना गया था, मगर विभागीय मंत्री के आदेश से एन के जयंत को दोषमुक्त कर पदोन्नति देकर मुख्य अभियंता (सीई ) अंबिकापुर बना दिया गया, जहां पर वह पूर्व में कार्यपालन अभियंता रहते हुए आर्थिक अनियमितता के आरोपी थे। विभागीय मंत्री द्वारा उपहार के तौर पर पदोन्नति और अच्छे स्थान पर पदस्थापना करके अन्य अधिकारियों को वित्तीय अनियमितता करने की ताकत दी जा रही है ।
इस पत्रकार वार्ता में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल, आरटीआई प्रकोष्ठ कार्यालय प्रभारी मुकेश तिवारी, आरटीआई प्रकोष्ठ मीडिया प्रभारी, आलोक मेंढी भी उपस्थित रहे।