सरकारी सिस्टम को कलंकित कर रहे भ्रष्ट अफसर,रायपुर में मतस्य विभाग के जॉइंट डायरेक्टर ने इंजीनियर से 2 लाख ,कोरबा में आरआई ,पटवारी ने सीमांकन के बदले मांगे 15 हजार, रिश्वत लेते एसीबी के हत्थे चढ़े ,मचा हड़कम्प ….

रायपुर । छत्तीसगढ़ की एसीबी ने आज एक ज्वाइंट डायरेक्टर, आरआई और पटवारी को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। ज्वाइंट डायरेक्टर को इंद्रावती भवन से पकड़ा गया। वे एक सब इंजीनियर से एक लाख रुपए रिश्वत ले रहे थे, तब तक एसीबी टीम उनके चेंबर में पहुंच दबोच लिया। पिछले छह महीने के भीतर एसीबी द्वारा ट्रेप किए गए ये दूसरे ज्वाइंट डायरेक्टर होंगे।

कोरबा के आरआई अश्वनी राठौर और पटवारी धीरेंद्र लाटा को एसीबी ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए श्री राठौर पूर्वर्तीय सरकार के समय सतरेंगा में एक रसूखदार को जमीन दिलाने में महत्वपूर्ण किरदार निभाया था।बता दें कि एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने राजधानी रायपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए मछली पालन विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर देव कुमार सिंह को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी इंद्रावती भवन में उनके दफ्तर से की गई।

एसीबी की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा

जानकारी के मुताबिक, देव कुमार सिंह 1 लाख रुपये की रिश्वत ले रहे थे, इसी दौरान एसीबी की टीम (CG ACB Action) ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। ज्वाइंट डायरेक्टर को इंद्रावती भवन की चौथी मंजिल से गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई में एसीबी की टीम में करीब 15 अधिकारी शामिल थे।
ज्वाइंट डायरेक्टर मतस्य ने जांजगीर के सब-इंजीनियर से रिश्वत की मांग की थी। कुल दो लाख रुपये की रिश्वत में से एक लाख रुपये की पहली किश्त पहले ही ली जा चुकी थी, और आज एक लाख रुपये की दूसरी किश्त लेते हुए अधिकारी को गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई के बाद मंत्रालय में हड़कंप मच गया।

कोरबा में राजस्व निरीक्षक राठौर ,पटवारी लाटा ने सीमांकन के बदले मांगे 15 हजार रिश्वत ,8 हजार की दूसरी किश्त की लेते रंगे हाथों पकड़ाए

पीड़ित संजय दिवाकर वर्तमान निवासी बांकीमोंगरा ,जिला – कोरबा (छग) द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उसके द्वारा ग्राम जमनीपाली में भूमि खरीदने के लिए भूस्वामी शत्रुघन राव से सौदा तय हुआ ,जिसका रजिस्ट्री पूर्व सीमांकन हेतु उसके द्वारा आवेदन किया गया है। अगली कार्यवाही हेतु प्रार्थी द्वारा राजस्व निरीक्षक जमनीपाली अश्वनी राठौर से मुलाकात करने पर उसके द्वारा संपूर्ण कार्यवाही हेतु 15000 रुपए की रिश्वत की मांग की गई। पटवारी जमनीपाली धीरेंद्र लाटा को पैसे देकर सीमांकन की अगली कार्यवाही करने के लिए कहा गया। शिकायत सत्यापन के दौरान पटवारी धीरेंद्र लाटा द्वारा मोलभाव कर 13000 रुपए में सौदा कर प्रार्थी से 5000 रुपए ले लिए। सत्यापन पश्चात आज ट्रेप आयोजित कर आरोपी पटवारी धीरेंद्र लाटा एवं राजस्व निरीक्षक अश्वनी राठौर को रिश्वती रकम की अगली किश्त
8000 रुपए लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपियों को अभिरक्षा में लेकर उनके निवास स्थानों की तलाशी भी की जा रही है। प्रकरण में आरोपियों के विरुद्ध धारा 7 एवं 12 पीसी एक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।