रायगढ़ खनिज प्रशासन की कार्यशैली चर्चे में ,गाड़ी पकड़ी लेकिन क्रशर का नाम ही नहीं मालूम, 7 में से केवल 2 का मिला पता,जानें मामला

रायगढ़ । खनिज विभाग का काम बहुत हल्का हो चुका है। अधिकारी ऐसे-ऐसे काम कर रहे हैं कि बड़ी गड़बड़ी को दरकिनार कर केवल गाड़ी जब्त करने पर फोकस है। सोमवार को खनिज विभाग ने जिले में छह हाइवा लाइमस्टोन, एक हाइवा रेत और दो ट्रैक्टर रेत जब्त की है। इनमें से एक हाइवा में पुरानी टीपी मिली है। बताया जा रहा है कि क्रशर संचालक एक ही टीपी पर कई राउंड चूना पत्थर परिवहन कर रहे हैं।

खनिज विभाग कभी-कभार एक गाड़ी पकडक़र औपचारिकता पूरी कर रहा है। क्रशरों का कारोबार पूरी तरह सेट हो चुका है। खनिज विभाग उतनी ही कार्रवाई करता है जितना दिखाने के लिए काफी है। क्रशर कारोबारियों और दलालों से घिरे हुए खनिज अधिकारी टीपी जारी करने में भी खेल कर रहे हैं। जांच में भी उनका सतही काम नजर आ रहा है। सोमवार को कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देश पर लाईमस्टोन और रेत के अवैध परिवहन पर कार्रवाई की गई।
छह हाइवा में चूना पत्थर मिला। इसमें से एक वाहन सीजी 13 एजी 1790 सिंघल स्टोन क्रशर से निकली थी। इसमें एक दिन पुरानी टीपी पाई गई। अंदेशा है कि इस टीपी से एक से अधिक बार खनिज परिवहन किया गया है। इसी तरह एसएस मिनरल्स से चूना पत्थर लेकर निकली गाड़ी क्रमांक सीजी 13 एआर 9425 ओवरलोड पाई गई। 26 टन माल टीपी में लिखकर 32 टन परिवहन किया जा रहा था। इस तरह खनिज की चोरी भी हो रही थी और रॉयल्टी की चोरी भी। वाहन क्रमांक सीजी 13 एआर 0466 में टीपी ही नहीं मिली। बताया जा रहा है कि यह गुड़ेली के ही एक क्रशर संचालक की गाड़ी है। इसी तरह हाइवा क्रमांक सीजी 13 एआर 1214 में अवैध रेत का परिवहन हो रहा था। दो ट्रैक्टर सोल्ड में भी अवैध रेत जब्त की गई।

3 गाड़ियां किस क्रशर से आईं नहीं पता

इन दिनों खनिज विभाग के अधिकारी बेमन से काम कर रहे हैैं। दरअसल, सालों से चल रहा काली कमाई का दौर कम हो चुका है। इसलिए अब ये इधर-उधर दिमाग चला रहे हैं। पूंजीपथरा में ओवरलोड मिलने पर गाड़ी क्रमांक सीजी 13 एई 2173, सीजी 13 एबी 4875 और सीजी 13 एडी 5967 को पकड़ा गया। तीनों मिली टीपी पर संबंधित क्रशर का भी नाम था, लेकिन कार्रवाई करने वाले एएमओ प्रवीण चंद्राकर ने इसकी जानकारी छिपाई। दरअसल ऐसी कार्रवाई में क्रशर संचालक भी फंसते हैं, लेकिन जानबूझकर उनके नाम को उजागर नहीं किया जाता। गाड़ी मालिक पर पेनाल्टी करके छोड़ दिया जाता है।

खरसिया और पुसौर की टीपी का इस्तेमाल

इन दिनों खनिज विभाग की सरपरस्ती में क्रशर संचालकों को गड़बड़ी करने की खुली छूट मिल गई है। दूसरे क्रशरों से रॉयल्टी पर्ची खरीदने का खेल जबर्दस्त तरीके से चल रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक गुड़ेली-टिमरलगा के क्रशर संचालक पुसौर और खरसिया के क्रशरों की टीपी खरीदकर काम कर रहे हैं। कुछ ने तो महासमुंद की टीपी भी खरीदी है। खनिपट्टा धारक उत्पादन के झूठे आंकड़े दिखाकर पर्ची ले रहे हैं। ऐसे लोगों का जमावड़ा दिन भर खनिज विभाग में होता है।