छत्तीसगढ़ के इस जिले में भी डीएमएफ के करोड़ों रुपए की राशि का बंदरबाट ,भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
ने लगाए यह गम्भीर आरोप …..

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सत्तापक्ष के विधायक और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र में DMF की रकम में गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाना विपक्ष के लिए मौका दे गया है। यही वजह है कि विधानसभा के अंदर और बाहर भाजपा के विधायकों और नेताओं ने अपने इलाके में DMF की राशि में हुई गड़बड़ी का मुद्दा फिर से उठाने लगे हैं।

प्रदेश में कोरबा जिले के बाद रायगढ़ ऐसा जिला है जहां जिला खनिज न्यास से हर वर्ष करोड़ों रूपये मिलते हैं और यहां भी डंफ की रकम के अनाप-शनाप तरीके से खर्च करने के आरोप पुख्ता प्रमाण के साथ लगते रहे हैं। इस बार रायगढ़ जिले के भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य गुरुपाल भल्ला ने बयां जारी करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में डीएमएफ की करोड़ों की रकम की बंदरबांट स्वीकार करने और सदन की समिति से जांच कराने की मांग ने भाजपा के इस आरोप की पुष्टि कर दी है कि प्रदेश में डीएमएफ बंदर बांट की भेंट चढ़ गया है, जिससे रायगढ़ जिला भी अछूता नहीं है। यहां हुए घोटाले की उच्च स्तरीय जांच हो तो इन घोटालों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भागीदारी का सच सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि करोड़ों के इन घोटालों में विधायक प्रकाश नायक का मौन उन्हें संदिग्ध बनाता है। प्रकाश नायक बताएं कि 4 साल में मिला 204 करोड़ का डीएमएफ आखिर गया कहां ?

स्ट्रीट लाइट खरीदी के नाम पर हुआ घोटाला

भाजपा नेता गुरुपाल भल्ला ने कहा है कि रायगढ़ में स्ट्रीट लाइट खरीदी के नाम पर पचास लाख का घोटाला, सूरजगढ़ पुल के एप्रोच रोड में डस्ट बिछाने के नाम पर बीस लाख से ज्यादा का घोटाला और कृषि उपकरण की खरीददारी में करोड़ों का घोटाला प्रमुख है, जिसकी शिकायत के बाद न तो जांच हुई और न ही कार्यवाही।

कृषि विभाग में हुई मनमाने दर पर खरीदी

गुरुपाल भल्ला ने कहा कि जिन कृषि मशीनों की कीमत एक से सवा लाख रुपये तक है, उन्‍हें डीएमएफ सेआठ लाख रुपये तक खरीदा गया है। अफसरों का कहते है कि राज्य बीज निगम से निर्धारित दर पर खरीदी की गई है, जबकि बीज निगम ने कृषि उपकरणों या इससे जुडी प्रोसेसिंग मशीनों के लिए कोई रेट निर्धारित नहीं किया है। नियमानुसार खरीदी के लिए रेट कान्ट्रेक्ट का होना जरूरी है। अन्य मामलों में रेट निर्धारण छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डवलपमेंट कार्पोरेशन (सीएसआइडीसी) से होता है, लेकिन यहां खरीदी छत्तीसगढ़ कृषि-मशीनीकरण और सूक्ष्म सिंचाई निगरानी प्रक्रिया प्रणाली(CHAMPS) में प्रस्ताव दे रहे सप्लायरों के मनमुताबिक कीमत पर हुई है। यह भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सबूत है।

चट खरीदी – पट भुगतान

भल्ला ने कहा कि इसी तरह के एक मामले में जिले में कृषि विभाग ने दुर्ग-भिलाई की दो कंपनियों को 95 रोटरी टिलर और 95 मिनी पल्वेराइजर खरीदी का आदेश दिया। यह काम इतनी तेजी से किया गया, जितना कि दूसरे सरकारी विभागों में नहीं होता। 7 दिसंबर 2021 को उप संचालक कृषि विभाग ने नौ तहसीलों में 95 नग रोटरी टिलर 8 एचपी और 95 नग मिनी पल्वेराइजर खरीदी का प्रस्ताव बनाया। कृषि विभाग रायगढ़ को उक्त सामग्री खरीदी की और कलेक्टर से प्रशासकीय स्वीकृति 14 दिसंबर 2021 को मिल गई। हैरानी की बात यह है कि प्रभारी उप संचालक कृषि, डिगेश पटेल ने 14 दिसंबर को ही जिला प्रबंधक बीज निगम रायगढ़ को कुल 190 उपकरण खरीदने का आदेश जारी कर दिया। उप संचालक कृषि ने इन मशीनों के लिए जिन दो फर्मों का उल्लेख किया गया उनमे SKY TECH को 95 नग रोटरी टिलर सप्लाई का काम दिया गया। वहीं 95 नग मिनी पल्वेराइजर खरीदने के लिए दुर्ग की ही ANNABHUMI के नाम का क्रय आदेश दिया गया। इस बड़े घोटाले के जांच से मोहन मरकाम और भाजपा के आरोप की पुष्टि हो सकती है।

गौठान की राशि भी चढ़ गई भेंट

गुरुपाल भल्ला ने आरोप लगाया कि गौठान और प्रबंधन समिति के नाम पर छह करोड़ पच्चीस लाख रुपए का स्वीकृत किए गए मगर यह राशि भी बंदरबांट की भेंट चढ़ गई। टेक्सटाइल यूनिट के नाम पर चार करोड़ खर्च किए गए मगर न तो अफसरों के पास और न कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों के पास इस बात का कोई जवाब है कि उन मशीनों का लाभ आखिर मिल किसे रहा है ? यह खरीदी ही केवल कमीशन के चक्कर में की गई। कोतरा और कोड़ातराई के सरकारी स्कूलों के उन्नयन के लिए 7 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी। इन स्कूलों की हालत आज भी बद से बदतर बनी हुई है तो आखिर यह राशि गई कहां ?

गुरुपाल भल्ला का कहना है कि जिले में साठ करोड़ से ज्यादा की राशि डीएमएफ से जबकि बीस करोड़ से ज्यादा की राशि रॉयल्टी के माध्यम से रायगढ़ जिले को मिलती है मगर जब से यह सरकार आई है, तब से इलाके के विकास की जगह यह राशि अफसरों और कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है, यह दुर्भाग्य का विषय है। भल्ला की मांग है कि रायगढ़ जिले में DMF की रकम में गड़बड़ी के संबंध में जो भी शिकायतें हुई हैं, उनकी गंभीरता से जांच की जाये, अन्यथा भविष्य में इन मुद्दों को लेकर भाजपा आंदोलन करने को भी तैयार है।