छत्तीसगढ़ के न्यायधानी में अंतरजातीय विवाह पर सामाजिक बहिष्कार की सजा, पुलिस ने दर्ज किया एफआईआर

बिलासपुर । बेलगहना पुलिस ने समाज से बहिष्कृत करने वाले 7 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है, पुलिस ने धारा 294, 34 व नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 के तहत जुर्म दर्ज किया है। मामला दूसरे समाज की महिला से शादी करने पर परिवार को समाज से बहिष्कृत करने का है। एसपी के निर्देश पर बेलगहना पुलिस ने कार्रवाई की है।

मामला बेलगहना क्षेत्र के खैरझिटी का है। प्रदेश का गठन होने के बाद पहली बार पुलिस ने नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 के तहत किसी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक, खैरझींटी में रहने वाले गेलन उर्फ मुन्नी बाई गंधर्व के परदादा ससुर ने समाज की दूसरी महिला से शादी कर ली थी। तो उस दौरान समाज के लोगों ने उनके परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया था, जिसके बाद उनका परिवार समाज से बाहर था और किसी भी कार्यक्रम में उन्हें नहीं बुलाया जाता था, लेकिन जब गेलन उर्फ मुन्नी बाई ने बच्चों के शादी करने का समय आया तो वर्ष 2022 में समाज के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों से मिलकर उन्होंने अपनी समस्या सुनाई। अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों व समाज के लोगों ने उनके परिवार को समाज में शामिल कर लिया। उसके बाद रिश्तेदारों के घरों में कोई भी कार्यक्रम होने पर उनके परिजन शामिल होने लगे, लेकिन उनके समाज के 7 लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। जो रिश्तेदार उनके परिजन को कार्यक्रम में शामिल करते थे, वे उनके घर जाकर विरोध जताते थे, साथ ही उक्त परिवार को समाज से बाहर कर देने की धमकी देते थे। पुलिस ने उनकी रिपोर्ट पर 7 लोगों के खिलाफ धारा 294, 34 व नागिरक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है। पुलिस ने कोंचरा निवासी प्यारे लाल गंधर्व, मंझवानी निवासी सोहन गंधर्व, सोनपुरी निवासी मदन गंधर्व, बिरगहनी निवासी पुरुषोत्तम, मिट्ठू नवागांव निवासी रामसेवक गंधर्व, गंगाराम गंधर्व और शिवराम कोटवार के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है।