रायपुर। छत्तीसगढ़ में IAS अधिकारियों के तबादले के बाद अब बारी IPS अधिकारियों की है। रायपुर, दुर्ग समेत प्रदेश के करीब 10 से अधिक जिलों में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं, वहीं बस्तर आईजी बदले जाना तय है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अगले महीने मई के माह में कलेक्टर और एसपी कॉन्फ्रेंस लेने वाले हैं। इससे पहले ही नये अधिकारियों को नयी पोस्टिंग दे दी जाएगी। इस लिस्ट को चुनाव के मद्देनजर रखकर भी बनाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसे चुनाव से पहले का प्रशासनिक फेरबदल बताबताया जा रहा है। हालांकि चुनाव से पहले यह अंतिम तबादला नहीं होगा। इसके बाद भी तबादले हो सकते हैं। राज्य सरकार इस समय आईजी के साथ ही कई जिलों के एसपी बदलने जा रही है। इस लिस्ट में ज्यादातर नाम उनके हैं, जिन्हे एक जिले में दो साल से ज्यादा का वक्त हो गया है। इसके अलावा अधिकारियों की परफॉर्मेंस भी तबादले का आधार बनेगी।
मई माह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस लेने वाले हैं।
सूत्रों की मानें तो इस फेरबदल में प्रदेश के बड़े जिले प्रभावित होंगे। रायपुर एसएसपी की जगह दुर्ग या बिलासपुर के एसपी को रायपुर लाया जा सकता हैं। इसमें दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव का नाम पहला है, क्योंकि संतोष सिंह जनवरी में ही बिलासपुर एसपी बनाए गए हैं। रायपुर एसपी प्रशांप्रशांत अग्रवाल को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जिले की जिम्मेदारी दी जा सकती है। राजनांदगांव एसपी अभिषेक मीणा हाल ही में वहां भेजे गए हैं, लेकिन उनका नाम भी लिस्ट में होने की चर्चा है। बलौदाबाजार,अंबिकापुर,बेमेतरा,राजनांदगांव,मुंगेली, महासमुंद, कांकेर,धमतरी, सुकमा,जगदलपुर और बस्तर के एसपी भी बदले जाएंगे। कांकेर एसपी शलभ सिन्हा को किसी बड़े जिले की कमान दी जा सकती है। मुंगेली एसपी सीएम सिंह भी बड़े जिले में भेजे जाएंगे। प्रफुल्ल ठाकुर को फिर किसी जिले में लाने की तैयारी है फिलहाल वे सीएम सिक्यूरिटी का चार्ज देख रहे हैं।
कहा जा रहा है कि सीएम भूपेश बघेल अपने मंत्रियों के साथ प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा कर चुके हैं। साथ ही बिरनपुर कांड के बाद से तबादले की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है। सूत्रों की मानें तो कुछ नेताओं ने भी अधिकारियों के तबादले करने कहा है। चुनाव के कारण नेताओं की भी सुनी जाएगी। साथ ही इस बात का ध्यान भी रखा जाएगा कि नये बनाए गए एसपी चुनाव को बेहतर तरीके से करा सकें। इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय में लिस्ट का काम अंतिम चरण पर है।
बस्तर बनी सबसे बड़ी चुनौती
दंतेवाड़ा के अरनपुर में हुए नक्सल हमले केबाद राज्य सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बस्तर संभाग ही है। क्योंकि ट्रांसफर लिस्ट में जिन अधिकारियों का नाम चल रहा है, उसमें सबसे ऊपर नाम बस्तर आईजी का है। साल 2003 बैच के IPS सुंदराज पी लंबे समय से बस्तर संभाग की कमान सम्भाल रहे हैं। दो टर्म में उन्हें बस्तर संभाग में पांच साल से ज्यादा का वक्त हो गया है। सुंदरराज पी, नक्सल मोर्चे के एक्सपर्ट माने जाते हैं और बस्तर में होने वाली हर मूवमेंट और संवेदनशील इलाकों की जानकारी उन्हें है।वे DIG के रूप में भी लंबे समय तक बस्तर में रहे हैं। कुछ समय के लिए उन्हे बस्तर संभाग से मुख्यालय बुलाया गया था लेकिन बाद में फिर उन्हें बस्तर की कमान सौंप दी गयी। कांग्रेस सरकार के टर्म में सुंदरराज पी को बस्तर संभाग में तीन साल से ज्यादा का वक्त होने वाला है। अगर सरकार इन्हें नहीं बदलती तो चुनाव आते तक आयोग उन्हें बदल देगा। यही वजह है कि उनकी जगह सरकार किसी और की पोस्टिंग सोच रही है। हाल ही में दंतेवाड़ा में बड़ा नक्सल हमला हुआ है और यहां चुनाव करीब आते ही नक्सलियों की धमकियां और पोस्टर दिखाई देने लगते हैं। ऐसे में बस्तर को समझने वाले किसी अधिकारी को ही यहां की कमान दी जा सकती है, क्योंकि सरकार भी ये नहीं चाहेगी कि चुनावी साल में फिर कोई ऐसी घटना हो जिससे उन पर सवाल खड़ा किया जा सके। इस स्थिति में किसी नये अधिकारी को कमान सौंपने की जगह बस्तर में पहले काम कर चुके IPS अधिकारी को ही यहां की कमान दी जा सकती है। इसमें पहला नाम पीटीएस चंद्रखुरी के प्रमुख रतन लाल डांगी का है। उन्होंने बस्तर में पहले बेहतर काम किया है।