कोरबा। बाल देखरेख संस्थाओं के लिए कोहड़िया में करोड़ों की लागत से निर्मित एकीकृत परिसर तक पहुंच मार्ग के अभाव एवं सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्र के तंग भवन में बाल संप्रेक्षण गृह का संचालन एक बार फिर भारी पड़ गया। बीती घटनाओं से सबक नहीं लेने के कारण एवं सुरक्षा के अभाव में रविवार को 4 अपचारी बालक फरार हो गए । जिसमें से एक अपचारी बालक को पुलिस ने चंद घण्टों के भीतर गिरफ्तार कर लिया है। घटना के बाद हड़कम्प मच गया है। वहीं 3 अपचारी बालक अब भी फरार हैं जिनकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि ड्यूटी पर तैनात नगर सेना के सैनिक की लापरवाही से यह घटना घटी है।
जानकारी के अनुसार, कोरबा जिले के रजगामार रोड, रिस्दी चौक स्थित निजी भवन में शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह संचालित है। ड्यूटी पर तैनात नगर सैनिक जगदीश राजपूत बाल संरक्षण का मुख्य गेट खोल कर बैठा हुआ था। इस दौरान मौका देखकर चारों अपचारी बालक फरार हो गए। जिसमें से एक को बालको पुलिस ने कुछ घंटे में बालको इलाके से बरामद कर लिया। वहीं तीन अपचारी बालकों को सरगर्मी से तलाशा जा रहा है। बाल सुधार गृह से भागने वालों में से दो जांजगीर जिले के तो दो कोरबा जिले के हैं। फरार 3 अपचारी बालकों की पुलिस नाकेबंदी कर खोजबिन कर रही है। गौरतलब हो कि करीब दो वर्ष पूर्व भी इसी बाल संप्रेक्षण गृह से अपचारी बालक दीवार फांदकर भाग गए थे। जो बाद में बड़ी मुश्किल से पकड़ में आए थे बाबजूद इसके उक्त घटनाओं से सबक नहीं लिया गया। एक मात्र गार्ड के भरोसे बाल संप्रेक्षण गृह का संचालन हो रहा। वहीं बाल देखरेख संस्थाओं के लिए कोहड़िया में करोड़ों की लागत से निर्मित एकीकृत परिसर पहुंच मार्ग के अभाव में दो साल से सफेद हाथी बना हुआ है। यहां बालकों के देखरेख से जुड़ी संस्थाओं बाल संप्रेक्षण गृह,बाल कल्याण समिति सहित अन्य संस्थानों का एक ही परिसर में संचालन होता। लेकिन प्रशासन की अदूरदर्शिता का परिणाम इस तरह की घटनाओं के रूप में सामने आ रहा। हमने प्रभारी अधीक्षक सीडीपीओ कोरबा शहरी बजरंग सांडे से उनका पक्ष लेने संपर्क किया, कॉल रिसीव नहीं करने की वजह से उनका पक्ष नहीं आ सका है।