रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को प्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर विपक्ष के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर काफी हंगामा मचा। आज सदन में कोरोना से मरीज़ों की मौत मामले में विपक्ष की ओर से पेश ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान विपक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर विभाग के अधिकारी के सदन में मौजूद नहीं होने पर सवाल उठाते हुए विपक्ष के बृजमोहन अग्रवाल ने आसंदी से कहा कि यह सदन की अवमानना है कि विषय पर चर्चा हो रही है और विभाग के अधिकारी ही मौजूद नहीं है, यह मंत्री का भी अपमान है,यह कैसे हो रहा है। जिसके बाद विपक्ष के शोरगुल से सदन गर्मा गया।
विपक्ष के तंज का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सदन को बताया कि कोरोना नियंत्रण के लिए जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग की सबसे बड़ी अफसर अपर मुख्य सचिव रेणु जी पिल्लै कोरोना संक्रमित पाई गई हैं। वहीं स्वास्थ्य संचालनालय के एक अन्य अधिकारी में कोविड..19 के लक्षण दिखे हैं।स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया, रात में उन्होंने फोन कर बुखार होने की जानकारी दी थी। सुबह वे कोविड संक्रमित पाई गईं हैंं। वहीं स्वास्थ्य संचालनालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी में भी कोविड के संदिग्ध लक्षण दिखे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के सवाल पर विपक्ष के ध्यानाकर्षण का जवाब देने की तैयारी के समय वे अधिकारी बैठक में मौजूद थे। उनकी तबीयत खराब लगी तो आग्रह पूर्वक उन्हें घर भेज दिया गया है, उन्हें आराम करने और परीक्षण कराने को कहा गया है।
दरअसल, कोरोना संक्रमण पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने अधिकारी दीर्घा में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अफसरों की गैर मौजूदगी पर सवाल खड़े किए। विपक्ष ने अधिकारियों की गैर मौजूदगी को सदन की अवमानना तक बता दिया।
विधानसभा अध्यक्ष भी होम आइसोलेशन में
बता दें कि सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर चरणदास महंत खुद कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। वे होम आइसोलेशन में हैं। इसकी वजह से पूरे सत्र का संचालन विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी के जिम्मे आ गया है।
अभी तक 23 विधायकों को कोरोना अपनी चपेट में ले चुका है। जिनमें उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया का नाम भी शामिल है।