पढ़ाई में नहीं लगता था मन रामपुर में संचालित एनजीओ के छात्रावास से भागीं 8 बालिकाएं मिलीं तानाखार में ,उठे सवाल

कोरबा। ड्राप आउट बच्चों को शिक्षा के मुख्य धारा से जोडऩे के लिए कई प्रकार की कोशिश की जा रही है। कटघोरा के पास रामपुर गांव के खुटरीगढ में संचालित एनजीओ के छात्रावास से 8 बच्चियों पिछली रात को भाग गई कई घंटे की मशक्कत के बाद वे तानाखार में मिली, जिसके बाद संचालक ने राहत की सांस ली।

खबर के अनुसार नई दिल्ली क्षेत्र से वास्ता रखने वाले एनजीओ एस्पायर के द्वारा छत्तीसगढ़ में शिक्षा क्षेत्र का काम लिया गया है, इसके अंतर्गत कई वर्ष पहले विद्यालय छोड़ चुके बच्चों की पहचान और सर्वेक्षण करने के साथ उन्हें अब शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है।
कोरबा जिले के सबडिवीजन व विकासखंड पौड़ी उपरोड़ा की रामपुर पंचायत में खुटरीगढ़ में सरकार के द्वारा निर्मित भारत भवन में एनजीओ के द्वारा छात्रावास संचालित कराई जा रही है जिसमें लगभग 50 छात्राओं को रखा गया है जो आसपास के गांव से संबंधित हैं। वर्तमान में यहां पर 39 छात्राएं अध्यनरत हैं। इन छात्राओं को पढऩे के लिए एनजीओ ने तीन महिला शिक्षकों की व्यवस्था यहां पर की है। जानकारी मिली कि इनमें से कुछ छात्राओं का मन पढऩे में बिल्कुल नहीं लग रहा था और वह अपनी दुनिया में खोई रहती थी। शिक्षिकाओं ने इस बात को न केवल महसूस किया बल्कि स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की इन सब के बीच आज सुबह लगभग 4 बजे खुटरीगढ़ की छात्रावास से 8 छात्राएं मौका पाकर भाग गई। कुछ घंटे बाद जब यहां के शिक्षिका को जानकारी मिली तो उसने आगे जानकारी दी इसके बाद सबके हाथ पांव फूल गए। आनन फानन में खोजबीन शुरू की गई। जिस पर संबंधित बालिकाएं तानाखार में पेट्रोल पंप के पास मिली। इस बारे में संस्था को इतना ही पता चला कि पढऩे में मन नही लगने के कारण वे भाग गई थी।

यह उद्देश्य था भारत भवन का

जानकारी के अनुसार ज्यादा आबादी वाली ग्राम पंचायत में पंचायत के कामकाज के अलावा अन्य बैठक और कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्य से भारत भवन की योजना सरकार के द्वारा बनाई गई थी। पिछले वर्षों में ऐसे भवन संबंधित पंचायत में बनाए गए इस काम पर लाखों की राशि खर्च की गई थी। पता चला है कि कुछ स्थानों पर भारत भवन की उपयोगिता सुनिश्चित हो रही है जबकि अनेक मामलों में दुरुपयोग भी हो रहा है। खुटरीगढ़ के भारत भवन में छात्रावास संचालन के लिए एनजीओ को किस आधार पर भारत भवन दिया गया, यह अपने आप में रहस्य बना हुआ है।