कोरबा से रेस्क्यू किए गए आदमखोर भालू ने इलाज के दौरान बिलासपुर स्थित कानन पेंडारी जू में दम तोड़ दिया।
कटघोरा वनमंडल से रेस्क्यू कर भनवारटंक के जंगलों में छोड़ा गया था भालू को
कानन पेंडारी जू में किया जा रहा था इलाज, रैबीज के चलते मौत की आशंका
कोरबा में महिला की हत्या करने वाले आदमखोर भालू की गुरुवार रात करीब 9.30 बजे मौत हो गई। भालू को 5 दिन पहले रेस्क्यू किया गया था। कानन पेंडारी चिड़ियाघर में उसका उपचार चल रहा था। इसके बाद शुक्रवार को पोस्टमार्टम कराने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। वन अधिकारी भालू की मौत के पीछे उसके रैबीज संक्रमण की आशंका जता रहे हैं।
कानन पेंडारी की टीम ने भालू को रेस्क्यू कराकर भनवारटंक के जंगलों में छोड़ दिया था। इस दौरान भालू ने फिर हमला कर एक व्यक्ति को मार दिया था। इसके बाद टीम उसे चिड़ियाघर में इलाज के लिए लेकर आई थी। मरवाही DFO राकेश मिश्रा ने बताया कि भालू रैबीज संक्रमित था, जिसकी वजह से वह आने-जाने वालों पर हमला कर रहा था। रेस्क्यू के बाद से ही उसने खाना पीना छोड़ दिया था।
कोरबा के कटघोरा में 5 दिन पहले महिला को मारा था भालू ने
कोरबा के कटघोरा वन क्षेत्र में 5 दिन पहले रविवार को नवापारा गांव में रहने वाली दो वृद्ध महिलाएं लक्ष्मी (70) व पुनिया (65) पर भालू ने हमला कर दिया था। पुनिया बाई हमले में घायल हो गई थी, जबकि लक्ष्मी को भालू घसीट कर जंगल की ओर ले गया था। अगले दिन उसका शव मिला था। इसके बाद करीब 3 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन में कानन पेंडारी की टीम ने भालू को पकड़ कर भनवारटंक में छोड़ दिया था।