कोरबा। नाम वापसी के बाद चुनावी मैदान के उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो गई है। मतदान को 17 दिन शेष रह गए हैं। कोरबा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार जयसिंह अग्रवाल मुकाबले में अपने प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी लखनलाल देवांगन से बहुत आगे चल रहे हैं। प्रचार के हर क्षेत्र में जयसिंह लंबी बढ़त बनाए हुए हैं।
दूसरे चरण के तहत 17 नवम्बर को मतदान होना है। कोरबा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ है। यह सीट 2008 में अस्तित्व में आई थी, तब से इस क्षेत्र से जयसिंह अग्रवाल जीत हासिल करते आ रहे हैं। बीते तीन चुनाव में विजयी होते रहे जयसिंह इस बार जीत का चौका लगाएंगे, यह निश्चित दिख रहा है। निश्चित इसलिए कि जयसिंह अग्रवाल एक ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जो जनता के बीच बने रहते हैं। कोरबा विधानसभा क्षेत्र में ऐसा कोई भी क्षेत्र, संप्रदाय या समाज नहीं है, जहां उनकी पहुंच नहीं है। श्री अग्रवाल ने क्षेत्र- समाज और उनकी जरूरतों का ध्यान में रखते हुए विकास के कार्यों के प्राथमिकता दी है। इनमें स्वास्थ्य, सड़क, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के कार्य प्रमुख हैं। कांग्रेस उम्मीदवार की सक्रियता और जनता के बीच बने रहते हुए कार्यों को अंजाम देने के कारण जीत सुनिश्चित दिख रही है। कांग्रेस उम्मीदवार का चुनावी प्रबंधन इतना सटीक है कि प्रतिद्वंदी प्रत्याशी कहीं भी टिक नहीं पा रहे हैं। कांग्रेस का कार्यकर्ता कोरबा विधानसभा क्षेत्र के लगभग घरों में आत्मीयता के साथ दस्तक दे चुका है। कार्यकर्ता जयसिंह अग्रवाल के कार्यों और कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों को घर- घर तक पहुंचाने में सफल हो चुके हैं। समाज के प्रत्येक वर्ग में जयसिंह अग्रवाल के प्रति समर्थन देखा जा रहा है। भाजपा में इसके विपरित स्थिति बनी हुई है। दरअसल कोरबा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कई गुटों बंटी हुई है। इसका सीधा असर प्रचार पर पड़ रहा है। भाजपा उम्मीदवार का प्रचार- प्रसार बेहद धीमा और सुस्त है। भाजपा के कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का अभाव दिख रहा है। भाजपा उम्मीदवार के पास कोई मुद्दे भी नहीं हैं और न ही कोरबा क्षेत्र के विकास को गति देने का कोई खाका। वे केवल कांग्रेस प्रत्याशी की आलोचना और खीझ निकालने तक सीमित हैं। भाजपा से जुड़े लोग भी अब जयसिंह अग्रवाल से प्रभावित होकर कांग्रेस में प्रवेश कर रहे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार की मजबूत स्थिति यह बताती है कि इस बार जीत बड़े अंतर से होने जा रही है।