बिश्रामपुर। एसईसीएल के भटगांव सहित अन्य क्षेत्रों में पंप एवं अन्य मशीनी उपकरणों के करोड़ों रुपए लागत के स्पेयर पार्ट्स की खरीदी में कंपनी के दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर भारी गड़बड़ी किए जाने की प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई शिकायत पर जांच शुरू होने से खलबली मच गई है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर एसईसीएल के सतर्कता विभाग समेत छत्तीसगढ़ शासन के संबंधित विभाग द्वारा जांच प्रारंभ किए जाने की पुष्ट खबर है। बता दे कि एसईसीएल भटगांव क्षेत्र समेत बैकुंठपुर, चिरमिरी, रायगढ़, जोहिला, बिश्रामपुर आदि क्षेत्रों में कंपनी के उच्च अधिकारियों एवं कंपनी के सतर्कता विभाग के कथित अधिकारियों की मिलीभगत से नियमों का उल्लंघन करते हुए करोड़ों रुपए लागत के स्पेयर पार्ट्स की खरीदी कर कंपनी को भारी क्षति पहुंचने की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय समेत कोयला मंत्री, कोल इंडिया चेयरमैन एवं अन्य संबंधित विभागों में की गई है। भ्रष्टाचार के संबंध में अलग-अलग की गई शिकायतों में गड़बड़ी किए जाने के तरीकों का भी उल्लेख किया गया है। शिकायत में बताया गया है कि गत 15 मार्च को कोल इंडिया मुख्यालय द्वारा जारी गाइडलाइन में कोयला खान क्षेत्रों में संचालित पंप की उपयोगिता वर्ष दस वर्ष निर्धारित की गई है। निर्धारित समय सीमा से काफी अधिक समय से संचालित विभिन्न पंपों के स्पेयर पार्ट्स एवं पंप की खरीदी कीमत से भी कई गुना अधिक लागत से की जा रही है। बताया गया है कि एसईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों में एल्कोन मेक कंपनी के गेयर बॉक्स व फीडर ब्रेकर के स्पेयर पार्ट्स तथा एलेन बेरी कंपनी के गियर बॉक्स के स्पेयर पार्ट्स की खरीदी केवल भटगांव क्षेत्र में पांच करोड रुपए से अधिक की गई है। वही शिकायत में बताया गया है कि किर्लोस्कर पंप के स्पेयर्स पार्ट्स की खरीदी में कंपनी के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए भटगांव क्षेत्र समेत अधिकांश क्षेत्रों में दो वर्षों में करोड़ो रुपए लागत से स्पेयर पार्ट्स की खरीदी की गई है, जो निर्धारित पंप की खरीदी कीमत से कई गुना अधिक है। करोड़ों रुपए लागत के स्पेयर पार्ट्स की खरीदी में कंपनी के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए निजी लाभ के लिए कंपनी को क्षति पहुंचाये जाने की शिकायत पर प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश के बाद एसईसीएल के सतर्कता विभाग समेत भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के निर्देश पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जांच शुरू कर दी गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर जांच शुरू होते ही जांच में लीपापोती की कोशिश शुरू हो गई है। संबंधित कंपनी के प्रतिनिधि मामले में सम्मिलित एसईसीएल के संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर जांच को प्रभावित करने की कोशिश में जुट गए हैं। इधर एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में बीटीएल कंपनी के गियर बाक्स के स्पेयर्स पार्ट्स एवं विश्वा कंपनी के बेल्ट के स्पेयर्स पार्ट्स खरीदी के लिए नियमों को ताक पर रखकर खरीदी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इस आशय की भी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय समेत संबंधित विभागों में कर दिए जाने की जानकारी मिली है। मुख्य सतर्कता अधिकारी का स्पष्ट निर्देश है कि एसईसीएल समेत कोल इंडिया की सभी सहायक कंपनियों में किसी भी क्षेत्र में संवेदनशील पदों पर किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारियों की प्रतिस्थापना तीन वर्ष से अधिक नहीं होगी। भटगांव क्षेत्र में इस आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है। वहां सामग्री विभाग में पदस्थ सामग्री प्रबंधक एके वर्मा की पदस्थापना भटगांव क्षेत्र में सितंबर 2019 में की गई थी। यह पद संवेदनशील होने के बावजूद उन्हें चार वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस पद पर पदस्थ रखा गया है जो जांच का विषय है। उक्त आशय से संबंधित एसईसीएल भटगांव क्षेत्र समेत बैकुंठपुर, चिरमिरी, दीपका, रायगढ़, जोहिला एवं अन्य क्षेत्रों की प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई शिकायत के आधार पर जांच प्रारंभ कर दी गई है। जांच में मिले तथ्यों के आधार पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।