उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूर निकलेंगे सुरक्षित,12 मीटर ही बची ड्रिलिंग

उत्तरकाशी। दिवाली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 श्रमिक जल्द बाहर आ सकते हैं। रेस्क्यू का आज 12वां दिन है। सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अभी 10 से 12 मीटर ड्रिलिंग शेष है। जिसके लिए छह-छह मीटर के दो पाइप डाले जाने हैं। हालांकि अभी ऑगर मशीन बंद की गई है। जिसके जल्द शुरू होने की उम्मीद है।

ऑपरेशन सिलक्यारा पूरे जोर शोर के साथ आगे बढ़ रहा है। हालांकि अधिकारी अब फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे हैं। ड्रिलिंग के दौरान कई बार मशीन में कंपन तेज होने लगी, जिसके चलते मशीन को रोका गया, फिर चेक किया गया। ऐसे में कई खतरे की घंटी महसूस होने लगी। अभी तक अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अगर कोई बड़ी बाधा सामने नहीं आती है तो आज रात तक ऑपरेशन सिलक्यारा को सफलतापूर्वक अंजाम दे दिया जाएगा। सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में केंद्र व राज्य सरकार की 19 एजेंसियां जुटी हैं। जिनके बीच समन्वय के लिए केंद्र व राज्य के कई बड़े अधिकारी भी सिलक्यारा में डेरा डाले हुए हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने सुरंग में फंसे मजदूरों से की बात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग में फंसे मजदूरों से बात की। उन्होंने अंदर फंसे श्रमिक गबर सिंह से फोन पर बात कर उनका हौसला बढ़ाया। बताया कि उन्हें पूरी तरह सुरक्षित बाहर लाने के लिए यहां पूरी टीम कोशिश कर रही है। सीएम ने श्रमिकों के स्वास्थ्य का हाल पूछते हुए कहा
कि बस अब कुछ देर और अपना हौसला बनए रखें। किसी भी तरह की चिंता न करें।
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों में उत्तराखंड राज्य के भी दो श्रमिक शामिल हैं। पौड़ी और पिथौरागढ़ राज्यों के यह दिवाली का त्यौहार भले न मना सके हों, लेकिन ईगास पर्व जरूर मनाएंगे। दरअसल, उत्तराखंड राज्य में दिवाली के ठीक 11 दिन बाद ईगास पर्व या बूढ़ी दिवाली मनाई जाती है। पिछले दस दिनों से सुरंग में कैद मजदूरों के लिए शुभ समाचार 11वें दिन बुधवार शाम को आया। मजदूरों को निकालने के लिए ऑगर मशीन से डाला जा रहा पाइप उनके बेहद करीब पहुंच गया है। जिससे सभी को बाहर निकाला जाएगा।

पीएम मोदी ने सीएम धामी से फिर लिया रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट

सीएम धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश प्रशासन के समन्वय से युद्ध स्तर पर संचालित राहत एवं बचाव कार्यों में हो रही प्रगति से पीएम मोदी को अवगत कराया। बताया कि प्रधानमंत्री को मौक़े पर श्रमिकों के उपचार व देखभाल के लिए चिकित्सकों की टीम, एम्बुलेंस, हेली सेवा एवं अस्थायी हॉस्पिटल की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने एवं किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में एम्स ऋषिकेश में चिकित्सकों को तैयार रहने के निर्देश दिए जाने की जानकारी भी दी।