सत्ता बदल गई अब शिक्षक पोस्टिंग घोटाले का क्या होगा ? 100 करोड़ से अधिक डकार गए अफसर ,क्या शिक्षकों को मिलेगा न्याय ! ट्रांसफर आदेश निरस्तीकरण के बाद सैकड़ों शिक्षक मझधार में ……

बिलासपुर। चुनाव के पहले प्रदेश में हुए ट्रांसफर-पोस्टिंग घोटाले का क्या होगा ? शिक्षकों से की गई सौ करोड़ रुपए की अवैध उगाही किसके पास रहेगी ? क्या उन अधिकारियों से इन पैसों की वसूली होगी ? क्या शिक्षकों को यह राशि वापस की जाएगी ? या फिर इसका बंटवारा हो जाएगा ? इसको लेकर शिक्षको के बीच तरह तरह से चर्चा हो रही है। इधर सैकड़ों शिक्षक जिनका ट्रांसफर आदेश निरस्त किया गया था वो अभी भी बीच में अटके हुए है। ये शिक्षक अपने घर में बैठे है और शासन के अगले आदेश का इंतजार कर रहे है।

विधानसभा चुनाव के ठीक पहले छत्तीसगढ़ के चार सभागों में हुए शिक्षक ट्रांसफर-पोस्टिंग घोटाले को लेकर क्या होगा इसको लेकर असमंजस की स्थिति है। हाईकोर्ट ने कमेटी बनाकर ऐसे शिक्षको से कमेटी के सामने आवेदन करने के लिए कहा था। शिक्षकों ने आवेदन भी कर दिया है, लेकिन कमेटी ने अभी तक उनकी पोस्टिंग को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है। लिहाजा सैकड़ों शिक्षक घर में बैठकर शासन के आदेश का इंतजार कर रहे है। दूसरी ओर इन शिक्षकों से अधिकारियों ने अपने चहेते बाबुओं के माध्यम से जो सौ करोड़ रुपए से अधिक उगाही की थी उसका क्या होगा ? इसको लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति है। क्या ये राशि शिक्षकों को वापस की जाएगी ? क्या ये राशि सरकार के खजाने ने जमा होगी ? या इस पूरी राशि का बंटवारा हो जाएगा ? इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। फिलहाल इस ट्रांसफर-पोस्टिंग घोटाले के आरोपी अधिकारी और बाबू निलंबित है और नई सरकार के गठन का इंतजार कर रहे है।
गौरतलब है की सितंबर में प्रदेश के 22 हजार से अधिक शिक्षकों का प्रमोशन और पोस्टिंग करने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए एक पॉलिसी भी बनाई गई थी। लेकिन अधिकारियों ने अपने चहेते बाबुओं के माध्यम से न केवल नियम कानून को तक पर रखा बल्कि जमकर उगाही भी क्या। संशोधित आदेश जारी करने के बदले में प्रत्येक शिक्षक से ढाई से तीन लाख रुपए की उगाही की गई। संयुक्त संचालकों ने शिक्षकों को एक जिले से दूसरे जिलों में ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद शिक्षकों से ढाई से तीन लाख रुपए लेकर पोस्टिंग के संशोधित आदेश जारी किए गए। पूरे प्रदेश में 2713 संशोधित आदेश जारी किए गए। सरगुजा संभाग 2297 शिक्षको का प्रमोशन और पोस्टिंग किया गया। फिर 385 शिक्षकों की पोस्टिंग निरस्त कर संशोधित आदेश जारी किए गए। इसी तरह बिलासपुर संभाग में 2785 पोस्टिंग में से 799 शिक्षकों का आदेश निरस्त कर संशोधित आदेश जारी किया गया। इसी तरह रायपुर संभाग में 1283 में से 543 संशोधित आदेश जारी किए गए। दुर्ग 1505 में से 438 शिक्षकों के संशोधित आदेश जारी किए गए। बस्तर संभाग में 2206 में से 550 शिक्षकों के आदेश निरस्त कर संशोधित आदेश जारी कर मनचाहा स्कूलों में पोस्टिंग दी गई। जब इस ट्रांसफर – पोस्टिंग भंडा फूटा तो तो पूरे प्रदेश में बवाल मच गया। यहां तक कि शिक्षा मंत्री को भी हटाना पड़ गया। चारो संभाग के संभागायुक्त से मामले की जांच कराई गई और स्कूल शिक्षा विभाग के 10 अधिकारियों और विवादित बाबुओं को सस्पेंड कर दिया गया था। इनमें रायपुर संभाग के संयुक्त संचालक के कुमार, बिलासपुर के संयुक्त संचालक एसके प्रसाद, सरगुजा के संयुक्त संचालक हेमंत उपाध्याय और दुर्ग के संयुक्त संचालक जीएस मरकाम शामिल है। गरियाबंद में भी जिला शिक्षा अधिकारी डीएस चौहान को निलंबित किया गया था।