अहमदाबाद विमान हादसा : हादसे वाली जगह से 70 तोला सोना ,80 हजार रुपए,भगवद गीता समेत ये मिले ….

अहमदाबाद । दोपहर की तपती धूप में जब बी.जे. मेडिकल कॉलेज के ऊपर धुएं का घना गुबार उठने लगा। एयर इंडिया के जहाज के मलबे से लपटें उठने लगीं, तब किसी को यह एहसास नहीं था कि यह शहर की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक बनने जा रही है।

चीख -पुकार से पूरा इलाका गूंज उठा। इसी अफरातफरी के बीच 56 वर्षीय राजू पटेल ने बिना वक्त गंवाए, साहस और मानवता का परिचय दिया। पटेल ने भावुक होकर कहा कि उनकी टीम के पास स्ट्रेचर तो नहीं थे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। घायलों को उठाने के लिए साड़ियों और चादरों का सहारा लिया गया। हमने जो भी हमारे पास था, उसका इस्तेमाल किया। हम केवल इतना जानते थे कि जान बचानी है। उन्होंने यह भी बताया कि जली हुई जमीन पर फैला हुआ सामान, झुलसे हुए बैग और टूटी-फूटी चीजों के बीच से उन्होंने 70 तोला सोने के आभूषण, 80,000 रुपये नकद, कई पासपोर्ट और एक भगवद गीता बरामद की। यह सभी चीजें तुरंत पुलिस को सौंप दी गईं।

हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंचे👇

बता दें कि राजू पटेल एक निर्माण व्यवसायी हैं। वो दुर्घटना स्थल से कुछ ही मिनटों की दूरी पर थे। जैसे ही उन्हें एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर मिली, वह अपनी टीम के साथ तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। महज पांच मिनट में वे वहां पहुंच गए। शुरुआत के 15 से 20 मिनट तक तो हम मलबे के पास भी नहीं जा सके। पटेल ने बताया कि आग बहुत भयानक थी। लेकिन जैसे ही पहली फायर ब्रिगेड और 108 एम्बुलेंस घटनास्थल पर पहुंचीं, हम बचाव कार्य में कूद पड़े।

रात 9 बजे तक करते रहे मदद 👇

अधिकारियों ने पटेल और उनकी टीम को रात 9 बजे तक घटनास्थल पर रहने की अनुमति दी। जब आपातकालीन सेवाओं ने नियंत्रण संभाल लिया, तो पटेल की टीम ने मलबे की छानबीन शुरू की। पटेल ने बताया कि इस दौरान उन्हें वहां पर काफी सामान भी मिला, जो तुरंत पुलिस को सौंप दिया गया। राजू पटेल इससे पहले भी आपदा के समय लोगों की मदद कर चुके हैं। उन्होंने 2008 के अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के समय भी राहत कार्यों में भाग लिया था। उस भयावह घटना को याद करते हुए उन्होंने बताया कि मैं सिविल अस्पताल से केवल 100 मीटर दूर था, जब वहां बम फटा था। लेकिन इस बार की तबाही… ये आग… मैं इसे कभी नहीं भूल पाऊंगा।

राजू पटेल को लोग कह रहे सच्चा हीरो👇

पटेल के इस साहसिक कदम ने साबित कर दिया कि जब हर तरफ अफरातफरी मची हो, तब भी कुछ लोग ऐसे होते हैं जो निःस्वार्थ होकर दूसरों की मदद के लिए आगे बढ़ते हैं। अहमदाबाद ने एक बार फिर दिखा दिया कि मानवता आज भी ज़िंदा है। राजू पटेल और उनकी टीम की इस पहल को आम लोग सोशल मीडिया पर ‘सच्चे हीरो’ कहकर सम्मान दे रहे हैं। कई नागरिक संगठनों ने भी उनके योगदान की सराहना की है और उन्हें भविष्य में आपात सेवाओं के साथ जुड़ने का न्यौता दिया है। गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने रविवार को बताया कि सभी बरामद व्यक्तिगत वस्तुओं का दस्तावेजीकरण किया जा रहा है और उन्हें मृतकों के परिजनों को सौंपा जाएगा। उन्होंने पटेल जैसे नागरिकों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी आपात स्थितियों में नागरिकों की भूमिका अमूल्य होती है।